एपीडा ने मोटे अनाजों (मिलेट) के लिए यूएई में निर्यात अवसरों के दोहन के लिए वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया
संवेदनीकरण कार्यक्रमों की अपनी श्रृंखला, जिसका लक्ष्य मोटे अनाजों तथा इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है, के एक हिस्से के रूप में, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ( एपीडा ) ने आज संयुक्त अरब अमीरात ( यूएई ) में निर्यात अवसरों के दोहन के लिए एक वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया।
क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन यूएई में भारतीय राजदूत संजय सुदीर की अध्यक्षता में भारतीय मिशन के सहयोग से किया गया।
एपीडा, जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है, विश्व भर में मोटे अनाजों के उपभोग को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ तालमेल करने के जरिये काम कर रहा है।
इस अवसर पर, एपीडा ने यूएई के लिए ई-कैटेलॉग भी लांच किया जिसमें निर्यात के लिए उपलब्ध विभिन्न भारतीय मोटे अनाजों और उनके मूल्य वर्धित उत्पादों, सक्रिय निर्यातकों की सूची, स्टार्टअप्स, एफपीओ तथा आयातक/रिटेल चेन/हाइपर मार्केट आदि पर सूचनाएं शामिल हैं।
यूएई के लिए ई-कैटेलॉग को भारतीय दूतावास तथा संभावित आयातकों, निर्यातकों, स्टार्टअप्स तथा मिलेट आपूर्ति श्रृंखला के अन्य हितधारकों के बीच वितरित किया गया है।
क्रेता विक्रेता बैठक के दौरान, कई आयातक, निर्यातक, स्टार्ट अप्स तथा मिलेट आपूर्ति श्रृंखला के अन्य हितधारकों ने इसमें भाग लिया तथा मोटे अनाजों और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात अवसरों की खोज करने के लिए एक दूसरे के साथ परस्पर बातचीत की।
यह नोट करते हुए कि भारत हमेशा से यूएई का एक भरोसेमंद साझीदार रहा है, यूएई में भारतीय राजदूत संजय सुदीर ने कहा कि भारतीय मोटे अनाजों और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों की यूएई तथा इस क्षेत्र के अन्य बाजारों में विशाल निर्यात अवसर हैं।
इस अवसर पर, एपीडा के अध्यक्ष एम अंगुमुथु ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह एक मिशन और विजन है। एपीडा की टीम भारतीय मोटे अनाजों को दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों, मोटे अनाज के उत्पादकों, महिला एफपीओ आदि को सभी प्रकार की आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।‘‘
मोटे अनाजों और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खरीदारों, विक्रेताओं, उत्पादकों के बीच समन्वय पर जोर देते हुए एम अंगुमुथु ने कहा, ‘‘हमारे निर्यातों को बढ़ावा देने का यह एक अवसर है क्योंकि भारत के पास मोटे अनाजों की बहुत विशिष्ट पारंपरिक किस्में हैं जिसे स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग पसंद करते हैं। मोटे अनाजों का निर्यात किसानों की आय बढ़ाने में सहायता करेगा।‘‘
एपीडा ने कुछ उल्लेखनीय फूड शो, क्रेता विक्रेता बैठकों तथा रोड शो में भारत से विभिन्न हितधारकों की सहभागिता को सुगम बनाने के द्वारा दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, सिडनी, जर्मनी, ब्रिटेन तथा अमेरिका में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के कार्यकलापों के आयोजन की योजना बनाई है।
भारत के मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के एक हिस्से के रूप में, एपीडा ने गुलफूड 2023, फूडेक्स, सियोल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया ) में फाइन फूड शो, बेल्जियम का फूड एंड बेवेरेज शो, जर्मनी का बायोफैक तथा अनुगा फूड फेयर, सैन फ्रांसिस्को का विंटर फैंसी फूड शो आदि जैसे वैश्विक मंचों पर मोटे अनाजों एवं इसके मूल्य वर्धित उत्पादों को प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
भारत वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत के एक अनुमानित हिस्से के साथ दुनिया में मोटे अनाजों के अग्रणी उत्पादकों में से एक है। एफएओ के अनुसार, वर्ष 2020 में मोटे अनाजों का वैश्विक उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन ( एमएमटी ) था और भारत का हिस्सा 12.49 एमएमटी था जो कुल मिलेट उत्पादन का 41 प्रतिशत था। भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में मिलेट उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई थी जबकि इससे पिछले वर्ष 15.92 एमएमटी मिलेट उत्पादन हुआ था।
भारत के मोटे अनाजों के शीर्ष पांच उत्पादक राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं। मोटे अनाजों के निर्यात का हिस्सा कुल मिलेट उत्पादन का लगभग 1 प्रतिशत है। भारत से मोटे अनाजों के निर्यात में मुख्य रूप से साबुत अनाज शामिल है तथा भारत से मोटे अनाजों के मूल्य वर्धित उत्पादों का निर्यात नगण्य है।
तथापि, ऐसा अनुमान है कि मोटे अनाजों के बाजार का 9 बिलियन डॉलर से अधिक के वर्तमान बाजार मूल्य से 2025 तक 12 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा।
सरकार नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट सीरियल्स मिक्स, बिस्कुट, कूकीज, स्नैक्स, स्वीट्स आदि जैसी रेडी टू ईट ( आरटीई ) तथा रेडी टू सर्व ( आरटीएस ) श्रेणियों में मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को भी संगठित कर रही है।
सरकार की मिलेट संवर्धन रणनीति के अनुरुप, लुलु ग्रुप, केयरफोर, अल जजीरा, अल माया, वॉलमार्ट आदि जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रिटेल सुपरमार्केट्स को भी मोटे अनाजों की बांडिंग तथा संवर्धन के लिए जोड़ा जाएगा।
डीजीसीआईएस डाटा के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में मोटे अनाजों के निर्यात में 8.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान हुए 147,501.08 मीट्रिक टन के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में 159,332.16 मीट्रिक टन मोटे अनाजों का निर्यात हुआ।
भारत के प्रमुख मिलेट निर्यातक देश हैं – यूएई, नेपाल, सऊदी अरब, लिबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनिशिया, यमन, ब्रिटेन एवं अमेरिका। भारत द्वारा निर्यातित मोटे अनाजों की किस्मों में बाजरा, रागी, कैनरी, जवार तथा बकवीट शामिल हैं।
विश्व के प्रमुख मिलेट आयातक देश हैं – इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मैक्सिको, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील एवं नीदरलैंड।
मोटे अनाजों, जिनका निर्यात और आयात किया जाता है, उनकी 16 प्रमुख किस्मों में जवार, बाजरा, रागी, कंगणी, चीना, कोदो, प्रोसो मिलेट ( सवा/सनवा/झंगोरा ), कुटकी, बकव्हीट/कुट्टु, चैलाई एवं ब्राउन टौप मिलेट शामिल हैं।
एपीडा ने मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए आईआईएमआर के साथ एक समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) पर भी हस्ताक्षर किया है। एपीडा ने आहार खाद्य मेला, जो एशिया के सबसे बड़ा खाक्ष् तथा आतिथ्य मेला है, के दौरान 5 रुपये से 15 रुपये के रेंज में किफायती मूल्यों पर सभी आयु समूहों के लिए कई किस्म के मिलेट उत्पादों को लांच किया।