ऑस्ट्रेलिया की कंपनी का दावा, मरे हुए इंसान को किया जा सकेगा जिंदा

आज के समय में मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर चुकी है, तो कई जगह काफी पीछे भी रह गई है। वहीं सांइस ने मेडिकल क्षेत्र में ऐसे तकनीक को इस्तेमाल किया है, जो किसी इंसान के इलाज के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुआ है और ऐसी तकनीक ने लोगों को अचंभित भी किया है। मेडिकल क्षेत्र में कई ऐसी तकनीक हैं जिनके ज़रिए बड़ी से बड़ी सर्जरी और बीमारी का इलाज अब आसानी से हो जाता है, लेकिन आज भी वैज्ञानिक आज तक किसी आदमी को जिंदा करने की टेक्निक को ईजाद नहीं कर पाए हैं।

हाल ही में आस्ट्रेलिया की एक कंपनी सदर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) ने लोगों को ज़िन्दा करने की तकनीक को खोजने का दावा भी किया है। इस पर कंपनी का कहना है कि “वो इंसानों को जिंदा करने के काफी करीब ले जा सकती है और भविष्य में इंसान जिंदा भी हो सकता है”। आइए जानते हैं इस दावे की हकीकत के बारे में।

ऐसा डाली जाएगी शवों में जान


ज़ी न्यूज़ में लिखी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की सदर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) कंपनी ने इस दिशा में अपना दावा किया है। इस कंपनी का मुख्य ऑफिस सिडनी में है। सदर्न क्रायोनिक्स का कहना है कि उसने होलब्रुक्र में एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसमें मरे हुए इंसान के शव को -200 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर में एक बॉक्स में रखा जाएगा। इसके बाद शव उसी कंडीशन में रहेगा, जैसा उसे रखा गया था। कंपनी का दावा है कि अगर फ्यूचर में इंसान को जिंदा करने की कोई तकनीक आती है, तो लाश को बॉक्स में से निकालकर उन्हें नई जिंदगी दे दी जाएगी। इसमें शव को अगर जल्द से जल्द जमा दिया जाए तो उसे दोबारा जिंदा किया जा सकता है।

1 करोड़ से ज़्यादा रुपये देनी होगी फीस
कंपनी शवों में जान डालने वाली सुविधा के लिए ग्राहकों से 1 करोड़ से वसूल करेगी। इंसान की लाश को लिक्विड नाइट्रोजन में -200 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में एक स्टील के चैम्बर में उल्टा करके रखा जाएगा। शव उल्टा रखने का कारण है कि अगर चैम्बर लीक हो जाता है तो भी ब्रेन बचा रहेगा।

कंपनी ने अभी ऐसे 40 बॉक्स बनाए हैं। हालांकि कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि जल्द ही हम और ज्यादा बॉक्स का निमार्ण करेंगे और एक ऐसा वेयरहाउस बनाएंगे जहां 600 लाशों को इस तरह रखने की व्यवस्था होगी।