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आयुष बाजार का आकार 18 अरब डॉलर के पार

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि बढ़ती वैश्विक और घरेलू मांग से उत्साहित तथा मंत्रालय द्वारा नियामक, अनुसंधान एवं विकास और बैक-एंड बुनियादी ढांचे के लिए एक मजबूत समर्थन से सक्षम हुए, आयुष का बाजार आकार 2014-20 में 17 प्रतिशत बढ़कर 18.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

सोनोवाल नई दिल्ली में ‘अयूर-उद्याम’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे, जहां उन्होंने ‘भारत में आयुष क्षेत्र: संभावनाएं और चुनौतियां’ शीर्षक वाली आरआईएस रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर, आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ एआईआईए आईसीएआईएनई – अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान – नवाचार और उद्यमिता विकास केंद्र (इनक्यूबेशन सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप) – का भी उद्घाटन किया गया जिसका उद्देश्य स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना है। इस केंद्र का उद्घाटन केंद्रीय खाद्य और प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति पारस ने किया।

विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के कारण 2020 में आर्थिक गतिविधियों में मंदी के बावजूद, उद्योग के 2021 में 20.6 अरब डॉलर और 2022 में 23.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वैश्विक हिस्सेदारी में, भारत दुनिया की तुलना में आयुष बाजार में तेजी से बढ़ा है और उसका बाजार में लगभग 2.8 प्रतिशत हिस्सा है जिसके बने रहने की संभावना है, हालांकि उत्पादन में व्यवधान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

इसी अवधि के दौरान, विभिन्न उत्पाद खंड, समग्र उद्योग की तुलना में बहुत अधिक दर से बढ़े हैं। 2014-2020 की अवधि में प्लांट डेरिवेटिव्स में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसके बाद न्यूट्रास्यूटिकल्स (20.5 प्रतिशत), फार्मास्यूटिकल्स (15.8 प्रतिशत), प्लांट एक्सट्रैक्ट्स 14.7 प्रतिशत और हर्बल प्लांट्स (14.3 प्रतिशत) का स्थान रहा।

सोनोवाल ने कहा कि आयुष दवाओं ने पिछले डेढ़ साल में महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान दुनिया भर में कोविड-19 रोगियों को तेजी से ठीक होने में मदद करने के साथ कारगर तरीके से काम किया है।

नए विकास केंद्र के बारे में बात करते हुए, श्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण का उल्लेख किया, जहां उन्होंने कहा था कि स्टार्टअप देश में नए प्रकार के संपत्ति निर्माता हैं। श्री सोनोवाल ने कहा, “उन्होंने भारत के स्टार्ट-अप और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में लगातार काम करने के लिए सरकार की आवश्यकता को रेखांकित किया। यह आत्मनिर्भर भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण में योगदान देगा।”

सोनोवाल ने कहा कि नए विचारों को फलने-फूलने के लिए अनुकूल माहौल की जरूरत है और केंद्र युवा उद्यमियों को अपने उद्यम को आगे बढ़ाने से पहले खुद को स्थापित करने में मदद करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि स्टार्ट-अप पहल से आयुष उद्यमियों को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य उत्पादों और सेवाओं के नवाचारों में मदद मिलेगी। आयुष मंत्रालय के सचिव श्री राजेश कोटेचा, एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा मनोज नेसारी और एआईआईए की पूरी टीम के नेतृत्व में यह खाद्य स्टार्ट अप पहल वाणिज्य मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और एमएसएमई मंत्रालय जैसे भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों के साथ-साथ आयुष मंत्रालय के करीबी समन्वय के साथ काम करेगा और ज्ञान के आदान-प्रदान का एक आदर्श मंच होगा।”

उन्होंने कहा कि एआईआईए एक मधुमेह प्रोटोकॉल तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहा है, जहां पूरे देश के विशेषज्ञों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल में मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “प्रोटोकॉल चिकित्सकों, शोध विद्वानों और शिक्षाविदों को मधुमेह देखभाल की जरूरतों को पूरा करने और क्षेत्र में हाल में हुई प्रगति को जानने में मदद करेगा।”

आयुष राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई ने एआईआईए के ब्लड बैंक का उद्घाटन करते हुए कहा कि ब्लड बैंक दिल्ली और आसपास के राज्यों के मरीजों की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि ब्‍लड सैम्‍पल दान करते समय दानदाता सुरक्षित महसूस करें और कुशल एवं प्रशिक्षित डॉक्टरों के तहत एआईआईए में हाई एंड फिल्ट्रेशन मैकेनिज्म के साथ, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि रक्त प्राप्त करने और दान करने से पहले सभी रोगियों की व्यापक जांच की जाए।”

केंद्रीय खाद्य और प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति पारस ने एआईआईए आईसीएआईएनई विकास केंद्र का शुभारंभ किया। इस समारोह में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली और बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु भी शामिल हुए।

इस अवसर पर आरआईएस-एफटीआईएम जर्नल का भी शुभारंभ किया गया। एआईआईए ने आयुष उप-क्षेत्र कौशल परिषद (एचएसएससी) के तहत बाल रक्षा किट और बच्चों के लिए प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले स्वर्णप्राशन और क्वालिफिकेशन पैक्स भी पेश किए और वर्ष 2018-2021 के सर्वश्रेष्ठ निवर्तमान छात्रों को पुरस्कृत किया।

आयुष मंत्रालय दो नवंबर को छठे आयुर्वेद दिवस के रूप में मना रहा है और इस दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में महा आयोजनों सहित कई गतिविधियों की योजना बनाई है।