चेन्नई के समुद्रतट पर जाने वाले लोगों ने गंदगी फैलाने के खिलाफ और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हरित संकल्प तथा हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया

विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) एक ऐसा महत्वपूर्ण अवसर होता है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश प्रसारित करने और इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए देश भर के लाखों लोगों को एक साथ लेकर आता है। इस वर्ष भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मिशन लाइफ पर जोर देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस 2023 मनाने का विचार व्यक्त किया है। वर्ष 2021 में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क कन्वेंशन सीओपी26 के दौरान विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन में ‘लाइफ’ यानी कि पर्यावरण के लिए जीवन शैली की अवधारणा पेश की गई थी, उस समय प्रधानमंत्री ने स्थायी जीवन शैली और बेहतर कार्य प्रणालियों को अपनाने के लिए एक वैश्विक लक्ष्य को फिर से जागृत करने का आह्वान किया था। कार्यक्रम के उपलक्ष्य में मिशन लाइफ पर देश भर में बड़े पैमाने पर लोगों के सहयोग से कई सामूहिक आयोजन किये जा रहे हैं।

1. राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच)

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के सहयोग से राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय ने मिशन लाइफ का सामूहिक आयोजन किया, जिसमें से 283 प्रतिभागियों ने वृक्षारोपण, पेड़ों को आलिंगन करने तथा उनकी गणना करने के कार्य में भाग लिया और अधिक टिकाऊ जीवन जीने के लिए पर्यावरण की देखभाल करने का संकल्प लिया।

भुवनेश्वर के क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय ने आज मेरी लाइफ: पर्यावरण के लिए जीवन शैली के तहत भुवनेश्वर स्थित एस्पायर कॉलेज के 88 छात्रों के लिए पक्षियों का घोंसला देखने का कार्यक्रम आयोजित किया।

मैसूर के क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय ने मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के हिस्से के रूप में 07.05.2023 को हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें 121 विद्यार्थियों तथा आम लोगों ने भाग लिया और मिशन लाइफ पर पारस्परिक विचार-विमर्श/हरित वार्ता के साथ-साथ पर्यावरण हितैषी जीवन शैली की आवश्यकता के बारे में जानकारी प्राप्त की।

सवाई माधोपुर स्थित राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय ने पक्षियों को जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिट्टी के बर्तन लटकाने के कार्यक्रम का आयोजित किया, जिसमें 75 विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं आगंतुकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और पक्षियों के लिए जल से भरे रहने वाले मिट्टी के बर्तन लटकाए।

2. राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम)

राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र और एक पर्यावरण संगठन सुजल अरिवोम ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) मिशन पर सार्वजनिक रूप से आगे बढ़ कर आने की निरंतरता के तहत चेन्नई शहर में एक जलमय भूमि, एक आर्द्र स्थल और एक दलदलीय भूमि पल्लीकरनई वेटलैंड में एक नेचर वॉक का आयोजन किया। राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र के वैज्ञानिकों तथा सुजल अरिवोम सदस्यों ने इस आयोजन के एक हिस्से के रूप में वेट्लैन्ड ईकोसिस्टम और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न ईकोसिस्टम सुविधाओं के बारे में बताया। इसके अलावा, उन्होंने आर्द्रभूमि के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में चेन्नई के कई स्कूलों के लगभग 100 विद्यार्थियों और 40 जॉगर्स ने भाग लिया, जो प्रतिभागियों के लिए अलग-अलग सीखने के अनुभव प्रदान कर रहा था। इसके अलावा, छात्रों और जॉगर्स ने नेचर वॉक में भी हिस्सा लिया, जो विविध प्रकार की वनस्पतियों एवं जीव जंतुओं के बारे में जानने तथा सीखने व समझने का अवसर प्रदान करता है। इस आयोजन ने बच्चों और स्थानीय जनता को उनके पर्यावरण, प्राकृतिक वास एवं प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की आवश्यकता के बारे में सरल तरीके से जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में छात्रों और जॉगर्स ने कूड़ेदान के इस्तेमाल तथा प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के खिलाफ एक हरित संकल्प में भाग लिया। इस आयोजन के हिस्से के रूप में आर्द्रभूमि विषय पर प्लेकार्ड, पैम्फलेट और लाइफ शुभंकर प्रदर्शित किए गए। राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों को मिशन लाइफ का महत्व समझाया।

राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) कार्यक्रम में सामूहिक जन भागीदारी के हिस्से के रूप में चेन्नई के बेसेंट नगर बीच पर सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध और पर्यावरण के प्रति अच्छे विकल्पों के उपयोग के एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में समुद्र तट पर जाने वालों ने गंदगी फैलाने के खिलाफ और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हरित संकल्प तथा हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया। इस आयोजन के हिस्से के रूप में आर्द्रभूमि विषय पर प्लेकार्ड, पैम्फलेट और लाइफ शुभंकर प्रदर्शित किए गए। वैज्ञानिकों ने समुद्र तट पर जाने वाले 200 से अधिक लोगों को मिशन लाइफ का महत्व समझाया। तटीय संरक्षण के महत्व और आवश्यकता तथा प्लास्टिक प्रदूषण में कमी लाने पर प्रकाश डाला गया। इस अभियान में, आम जनता को उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता हेतु शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

3. भारतीय वन्य जीव सर्वेक्षण

भारतीय वन्य जीव सर्वेक्षण ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) मिशन पर एक अभियान में सामूहिक जन भागीदारी के हिस्से के रूप में पश्चिम बंगाल के कैनिंग, सुंदरवन में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया ताकि मिशन लाइफ के तहत स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए ग्रामीण लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके। भारतीय वन्य जीव सर्वेक्षण ने पश्चिम बंगाल के सुंदरबन स्थित कैनिंग सेंटर ने बंधुमहल एसोसिएशन के कैनिंग सरकारी अस्पताल द्वारा दिए गए सहयोग से कैनिंग में संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसमें आसपास के गांवों के लगभग 120 प्रतिभागियों और 68 रक्तदाताओं ने भाग लिया।

भारतीय वन्य जीव सर्वेक्षण, कैनिंग के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. योगेश कुमार ने मिशन लाइफ के उद्देश्यों पर सुंदरबन के ग्रामीण लोगों से चर्चा की और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के महत्व से अवगत कराया तथा उनके नाजुक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पर्यावरण हेतु बेहतर जीवन शैली- लाइफ को अपनाने का आग्रह किया।