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ऑक्सीजन के लिए बने भिखारी और विज्ञापन पर की पैसों की बारिश

कोरोना के बेकाबू हालात से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। हजारों लोग समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से दम तोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा खस्ता हाल है। यहां ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है। ऑक्सीजन कमी को लेकर दिल्ली सरकार पर बीजेपी के कई नेता ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि केंद्र से मिले पैसे का केजरीवाल सरकार अपने विज्ञापन में खर्च कर देती है।

केजरीवाल सरकार पर विज्ञापन में सबसे ज्यादा खर्च करने के तथाकथित आरोपों का ब्यौरा आरटीआई ने दे दिया है। आरटीआई द्वारा दिए इस खबर को आलोक भट्ट नाम के एक ट्विटर यूजर ने अपने टि्वटर हैंडल पर पोस्ट किया, जिसमें यह बताया गया है कि केजरीवाल सरकार चरमराई स्वास्थ्य पर अपनी लाचारी का रोना रो रही है। लेकिन इस बुरे दौर में भी केजरीवाल ने अलग अलग माध्यमों से अपने विज्ञापन में 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ये खर्च सिर्फ जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक की है।

आरटीआई द्वारा दिए जानकारी में जनवरी 2021 में 32.52 करोड़, फरवरी में 25.33 करोड और सबसे अधिक मार्च 2021 में ₹92.48 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इस खबर के बाहर आते हैं केजरीवाल सरकार सवालों के घेरे में आ गई। ट्विटर यूजर्स ने भी जमकर कोसा। कुछ ने ‘दिल्ली का कैंसर’ बताया तो कुछ ने ‘सीएम के लायक नहीं है’ जैसी बातें कही।

उधर, दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को 8 नए Oxygen Plant के लिए फंड मुहैया कराया, पर दिल्ली सरकार ने इसपर कोई काम नहीं किया।
दिल्ली सरकार की काम न करने की नीयत आज सभी दिल्लीवासियों पर भारी पड़ रही है।
दिल्ली सरकार द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही हुई है, क्या उनको इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए?”

ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी केजरीवाल सरकार को लताड़ा और उस पर जवाब मांगा। लेकिन हमेशा की तरह केजरीवाल सरकार इस बार भी कुछ जवाब नहीं दिया।

बता दें कि दिल्ली में बीते 24 घंटों में 24,103 नए मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं 357 मरीजों की मृत्यु हो गई।

Sumit Anand