बंगाल चुनाव: पीएम की रैली के लिए भाड़े पर ट्रेनें, मजदूर और मजदूर की रोटी कट गई पटरियों पर
बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिगेड मैदान में रैली थी। पीएम की हर रैली की तरह इसमें भी जान सैलाब उम्र आया। जनसैलाब जुटाने के लिए भाजपा ने मेहनत भी खूब की थी। बंगाल के कोने – कोने से लोगों के आने का इंतज़ाम किया गया। इसके अलावा भाजपा ने 3 ट्रेनें भी भाड़े पर ली, 60 लाख रुपए चुकाए गए इसके लिए। शानदार रैली जानदार भीड़। सब बढ़िया रहा।
मोदी ने इस रैली में जमकर हुंकार भरी। उन्होंने साफ़ तौर पर कह दिया कि इस बार बंगाल में भाजपा सरकार बनने जा रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी इस भाषण के बाद आत्मविश्वास देखने को मिला।
लॉकडाउन के बीच सरकार की नाकामी
लॉकडाउन के दौरान सरकार पूरी तरीके से नाकाम रही थी। इसका साबुत है सैकड़ो की संख्या में मजदूरों का घर जाते हुए दम तोड़ देना। देश ने इस दौरान साइकल से 1200 किलोमीटर पिता को लाधकर जाती हुई बेटी भी देखी, नंगे पैर 12 साल के उन बच्चों को भी देखा जिन्हें ये भी नहीं पता था कि वो घर पहुँच पाएंगे की नहीं, वे माएँ भी रास्ते में थी, जिनकी कोख में 8 महीने का बच्चा भी था और पीठ पर बस्ता भी।
बात बीत गया तो अभी हम वही बात क्यों कर रहे हैं
यह हमारे देश का दुर्भाग्य भी है और आदत भी कि हम बाते बहुत जल्दी भूल जाते हैं, या कोई ताकत इसे भुलाने में सुनियोजित रूप से सफल भी हो जाती है। हम सब भूल जाते हैं। हम ये सब भी भूल चुके थे। फिलहाल इस बात की जरुरत इसलिए पर गई, क्योंकि मोदी की रैली के लिए भाजपा वालों ने तीन ट्रेनें भारे पर ली और उसमें भरकर कार्यकर्ताओं और आमलोगों को पहुँचाया गया ताकि इस रैली को ऐतिहासिक बनाया जा सके। जिन लोगों से मजदूरों के लिए ऑटो तक नहीं की गई वे रैली के लिए ट्रैन कर लेते हैं। भारत से कमाल कोई देश हो तो बताओं।