भूपेन्द्र यादव ने कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती गांवों का व्यापक विकास किया जायेगा
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती गांवों का व्यापक विकास किया जाएगा। यदव ने कहा कि मजबूत सीमावर्ती गांवों से मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा। यदाव ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, 1400 सीमावर्ती गांवों की पहचान की गई है। मंत्री महोदय ने कहा कि वहां के लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को समझने और उनके समाधान के लिए कदम उठाने के लिए वे सीमावर्ती गांवों का दौरा करेंगे और इन गांवों में एक रात व्यतीत करेंगे।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव वाइब्रेंट ग्राम कार्यक्रम के अंतर्गत 3 से 4 मार्च 2023 को लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर थे, जहां उन्होंने त्सगा चरागाह, रेजांग-ला, चुशुल के सीमावर्ती गांवों का दौरा किया।
चांगथांग गांव, त्सागा चरागाह में, केंद्रीय मंत्री महोदय का पारंपरिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर यादव ने लद्दाखी महिलाओं द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक जबरो नृत्य का आनंद लिया। केंद्रीय मंत्री महोदय ने खानाबदोश रेबो जनजाति के लोगों से बातचीत की, जो तंबुओं में रहते हैं और बेहतरीन पश्मीना ऊन बनाते हैं। मंत्री महोदय ने उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली और उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचेगा।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए जिसमें विभिन्न गांवों और देहाती समुदाय के प्रतिनिधि शामिल थे, केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के गठन के बाद, कई सड़क परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बहुत लंबे समय से प्रतीक्षारत परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया गया है। यादव ने कहा कि लद्दाख में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए धनराशि निर्धारित की गई है और लद्दाख में अप्रयुक्त सौर ऊर्जा क्षमता का अधिकतम उपयोग करने तथा लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 27,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
यादव ने केंद्र सरकार द्वारा लागू विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन धन योजना, कोविड टीकाकरण, आयुष्मान योजना कार्ड और गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण जैसी पहलों से लोगों को कठिन समय में बहुत लाभ हुआ है।
रेजांग-ला में, यादव ने रेजांग-ला युद्ध स्मारक का दौरा किया और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत-चीन सीमा से सटे गांव चुशुल में केंद्रीय मंत्री महोदय ने लोगों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार सीमावर्ती गांवों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में यादव ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती गांवों और नई दिल्ली के बीच की दूरी कम होगी। उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश से जुड़ा हुआ, शिक्षित और विकसित लद्दाख प्राप्त होगा। केंद्रीय मंत्री ने चुशुल में एक स्थानीय निवासी के घर में रात भी व्यतीत की।
अगले दिन केंद्रीय मंत्री महोदय ने चुशूल मठ का दौरा किया और पूजा-अर्चना की। लेह के रास्ते में, मंत्री महोदय ने दो सीमावर्ती गांवों, मेराक और स्पांगमिक का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थानीय समुदाय के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं सीमावर्ती गांवों में हर लाभार्थी तक पहुंचेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने वन विभाग को सीमावर्ती गांवों में वन्यजीवों और वन भूमि से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। मंत्री महोदय ने दुरबुक मठ का भी दौरा किया, प्रार्थना की और वहां स्थानीय समुदाय के साथ बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने लद्दाख के लोगों को उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया। यदाव ने कहा कि लद्दाख में शांति, भाईचारा और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की एक समृद्ध संस्कृति एवं परंपरा है, जिसका सभी को अनुकरण करने की आवश्यकता है।
बाद में दिन में, केंद्रीय मंत्री महोदय ने लेह में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल से मुलाकात की, जहां दोनों ने लद्दाख के सतत विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।