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महंगाई का जोरदार झटका! मार्च में 14.55 फीसदी पर पहुंच गई थोक महंगाई दर

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित भारत की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 14.55 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, खनिज तेल और बुनियादी धातुओं की कीमतें 13.11 प्रतिशत थी।

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में वृद्धि हुई है। मुद्रास्फीति के बढ़ने से रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में नीतिगत दरों को बढ़ाने का फैसला कर सकता है।

मार्च, 2022 में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्‍य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं आदि की कीमतों में वृद्धि की वजह से हुई।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने मार्च, 2022 (अनंतिम) और जनवरी, 2022 (अंतिम) के लिए भारत में थोक मूल्य सूचकांक संख्याएं जारी कर दी है।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनंतिम आंकड़े देश भर में संस्थागत स्रोतों और चुनी हुई विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किए जाते हैं और हर महीने की 14 तारीख (या अगले कार्य दिवस) को जारी किए जाते हैं। 10 सप्ताह के बाद अनंतिम सूचकांक को अंतिम रूप दे दिया गया है और अंतिम आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।