आयुषी ऑनर किलिंग मामले में बड़ा खुलासा, साल भर पहले ही कर चुकी थी शादी
मथुरा के आयुषी ऑनर किलिंग मामला राजस्थान से भी जुड़ा निकला है। पुलिस के अनुसार 22 साल की आयुषी ने 1 साल 3 महीने पहले दिल्ली में भरतपुर के एक लड़के छत्रपाल से शादी कर ली थी। आयुषी के घरवालों को तो यह बात पता थी, लेकिन वे इस शादी से नाखुश थे। वहीं छत्रपाल के परिजन शादी की बात से ही बेखबर थे। छत्रपाल उर्फ अनिल बिधूड़ी वैर थाने इलाके के तौयारी गांव का रहने वाला है। अभी उसके पिता सुखदेव सिंह बयाना के बजरंग बिहार कॉलोनी में मकान बना रहे हैं। छत्रपाल के करीबियों ने बताया कि छत्रपाल अपनी शादी की जानकारी छिपा रहा था।
गौरतलब है कि गत 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेस-वे पर सूटकेस में आयुषी की लाश मिली थी। दो दिन पहले जब इस हत्याकांड का राज खुला तब जाकर छत्रपाल के घरवालों को भी पता चला कि आयुषी प्रेम प्रसंग में जिस लड़के का नाम सामने आ रहा है, वो उनका बेटा ही है। इधर, आयुषी के मर्डर से 10 दिन पहले ही आयुषी की मां ने छत्रपाल को फोन पर धमकाया था कि मेरी बेटी से बात मत करना, वह तुम्हारी वजह से परेशान रहती है।
यूं शुरू हुई दोनों की लव स्टोरी
छत्रपाल के पिता इंडियन आर्मी में थे। जहां-जहां छत्रपाल के पिता की पोस्टिंग रही, उन्होंने अपने परिवार को अपने साथ ही रखा। जिस समय छत्रपाल ने आयुषी से शादी की, उस समय छत्रपाल के पिता की पोस्टिंग दिल्ली में ही थी। दिल्ली में छत्रपाल के दोस्त की एक गर्लफ्रेंड थी। उसकी दोस्त आयुषी थी। वह अपनी गर्लफ्रेंड मिलने जाता तो छत्रपाल और आयुषी भी साथ होते। इसी दौरान छत्रपाल और आयुषी की दोस्ती हो गई। 4 साल पहले दोनों ने अपने नंबर एक-दूसरे से एक्सचेंज किए और यही से दोनों के अफेयर की शुरुआत हुई। दोनों रोजाना मिलने लगे और करीब आते गए। आयुषी भी पढ़ाई कर रही थी और छत्रपाल भी दिल्ली में बैंक कॉम्पिटिशन की पढ़ाई कर रहा था। दोनों इतने करीब आ गए कि दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। करीब 1 साल 3 महीने पहले दोनों ने दिल्ली में आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। शादी के कुछ दिनों के बाद आयुषी ने तो अपने परिजनों को बता दिया, लेकिन छत्रपाल ने अपने परिजनों को नहीं बताया। आयुषी बीसीए की पढ़ाई कर रही थी। आयुषी के परिजनों को शादी का पता लगने के बाद उसके घर झगड़ा होता रहता था। आयुषी के पेरेंट्स इस शादी के पक्ष में नहीं थे। आयुषी शादी के बाद एक भी बार अपने ससुराल नहीं गई और मायके में ही रह रही थी। 17 नवंबर की दोपहर आयुषी का मां से झगड़ा हुआ। पिता को पता चला तो उन्होंने आयुषी को समझाया। वह नहीं मानी तो पिता ने गुस्से में लाइसेंसी रिवॉल्वर से आयुषी के सीने में दो गोलियां दाग दीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आयुषी की हत्या के बाद पिता घर के पास की दुकान से पॉलिथीन खरीद कर लाए। दोपहर में उसकी लाश को सूटकेस में पैक किया। देर रात 3 बजे कार में सूटकेस रखा और 150 किलोमीटर दूर मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुबह 5 बजे फेंक दिया। इसके बाद 7 बजे दिल्ली चले गए। कार पिता चला रहा था और मां आगे वाली सीट पर बैठी थी।
पुलिस पूछताछ के दौरान माता-पिता रोते रहे, बोले – सब कुछ गुस्से में हो गया
पहचान करते समय मां और भाई की आंखों में आंसू आ गए। वह एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगे। पुलिस पूछताछ के दौरान माता-पिता दोनों रोते रहे। उन्होंने बताया कि जो कुछ हुआ, सब एकाएक और गुस्से में हुआ। पिता ने बताया कि बेटी जलील करती थी। उसे कई बार समझाया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी।