भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘वरुण-2021’ का आयोजन
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भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के द्विपक्षीय अभ्यास ‘वरुण-2021’ का 19वां संस्करण 25 अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल, 2021 तक अरब सागर में आयोजित किया जा रहा है।
भारतीय नौसेना की ओर से गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स आईएनएस तरकश और आईएनएस तलवार, फ्लीट सपोर्ट शिप आईएनएस दीपक, सीकिंग 42बी और चेतक इंटीग्रल हेलिकॉप्टरों के साथ एक कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी और पी8आई लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट इस अभ्यास में शामिल होंगे।
फ्रांसीसी नौसेना की ओर से इस अभ्यास का प्रतिनिधित्व विमानवाहक पोत चार्ल्स-डी-गॉल द्वारा राफेल-एम फाइटर, ई2सी हॉकवे एयरक्रॉफ्ट और कैलमन एम एवं दाउफिन हेलीकॉप्टरों के साथ किया जाएगा, साथ ही इसमें क्षितिज-श्रेणी का एयर डिफेंस डिस्ट्रॉयर शेवेलियर पॉल, एक्विटाइन-क्लास मल्टी-मिशन फ्रिगेट एफएनएस प्रोवेंस के साथ एक कैलमन एम हेलीकाप्टर और कमांड एंड स्प्लाई जहाज वार शामिल है।
इस अभियान का नेतृत्व भारत की ओर से रियर एडमिरल अजय कोचर, नौ सेना मेडल, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट करेंगे। फ्रांस का नेतृत्व रियर एडमिरल मार्क ऑसैडेट, कमांडर टास्क फोर्स 473 करेंगे।
इस तीन दिवसीय अभ्यास के दौरान समुद्र में उच्च स्तरीय नौसैनिक अभियानों को देखा जा सकेगा, जिनमें उन्नत एयरडिफेंस और एंटी-सबमरीन अभ्यास, इंटेंस फिक्सड और रोटरी विंग फलांईग ऑपरेशन, सामरिक युद्धाभ्यास, सरफेस एंड एंटी एयर वेपन फायरिंग, अंडरवे पुनःपूर्ति और अन्य समुद्री सुरक्षा ऑपरेशन शामिल हैं।
दोनों नौसेनाओं की इकाइयां एक एकीकृत बल के रूप में अपने युद्ध कौशल क्षमता को बढ़ावा देने और निखारने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी, जिससे समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके।
अभ्यास वरूण-21 के पूरा होने के बाद, प्राप्त किए गए सर्वोत्तम प्रथाओं को समेकित करने के लिए भारतीय नौसेना का गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तरकश 28 अप्रैल से 1 मई, 2021 तक फ्रांसीसी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) के साथ अभ्यास जारी रखेगा। इस अवधि के दौरान यह जहाज फ्रांसीसी सीएसजी के साथ एडवांस्ड सरफेस, एंटी-सबमरीन और एयर-डिफेंस अभियानों में शामिल होगा।
वरुण-21,दोनों देशों के बीच बढ़ती हुई सौजन्यता पर प्रकाश डालता है और साथ ही दो नौसेनाओं के बीच दोस्ताना तालमेल, समन्वय और अंतर-संचालनशीलता के स्तर में वृद्धि को भी दर्शाता है।ये पारस्परिक क्रियाएं भागीदार नौसेनाओं के बीच के साझा मूल्यों को आगे बढ़ाते हैं तथा सामुद्रिक स्वतंत्रता और एक खुले, समावेशी इंडो-पैसिफिक और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश के लिए प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करते हैं।