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भाजपा बोली- बंगाल में चुनाव की वजह से नहीं फैला कोरोना

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के 8 चरणों के मतदान ख़त्म होने के बाद एग्जिट पोल को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा और तृणमूल, दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। कुछ सर्वे में तृणमूल को बढ़त मिल रही है, तो कुछ में बीजेपी परचम लहराती दिख रही है।


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दरअसल, ये एग्जिट पोल हैं, लेकिन सबकी निगाहें दो मई को होने वाले मतगणना पर टिकी हुई है। इन सब में बड़ी बात ये है कि एग्जिट पोल के बाद भी भाजपा ये मानने को तैयार नहीं है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव की वजह से कोरोना फैला है। भाजपा की राज्य  इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष बताते हैं, महामारी और चुनाव का कोई जुड़ाव नहीं है। वहां अब कोरोना के केस सामने आ रहे हैं तो उसका कारण चुनाव नहीं है। अगर ऐसा होता तो बंगाल में दो माह से चुनाव चल रहा है, तब क्यों नहीं केस बढ़े। बिहार में भी तो चुनाव हुआ था, वहां कुछ हुआ क्या। 


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गुरुवार को चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद घोष ने कहा कि भाजपा बहुमत से सरकार बना लेगी। जैसा ट्रेंड लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था, वही विधानसभा में भी रहा है। पश्चिम बंगाल के लोगों को बदलाव चाहिए था, इसलिए उन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। अगर कोई व्यक्ति यह कहता है कि भाजपा को सौ सीट नहीं मिलेंगी तो यह उसका वहम था। एक सवाल के जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि आठ चरणों में चुनाव कराना जरूरी था। चुनाव से पहले हिंसा की जो बातें हो रही थीं, वैसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि ये निर्णय चुनाव आयोग का था, भाजपा का नहीं। 


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राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि देश में कई दूसरे राज्यों में भी कोरोना फैल रहा है। क्या वहां पर चुनाव हो रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है। कुछ लोगों ने भाजपा को बदनाम करने के लिए यह राग छेड़ दिया है कि बंगाल में चुनाव के कारण कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। वहां कोरोना संक्रमण का कोई दूसरा कारण हो सकता है, मगर चुनाव नहीं है। बंगाल में कोरोना और चुनाव को भाजपा के साथ न जोड़ें। जिस तरह से दूसरी पार्टियां अपना प्रचार कर रही थीं, वैसे ही भाजपा ने किया है। चुनाव आयोग जैसी हिदायत देता गया, राजनीतिक दलों ने उसे माना है।