बिहार में मुख्यमंत्री के नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने उठाए सवाल
बिहार के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाने का कल ऐलान किया। लेकिन उनके इस फैसले पर विवाद शुरू हो गया। विपक्षी नेताओं के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के नेता भी उनके इस फैसले से नाखुश नजर आ रहे हैं। इनमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी शामिल है।
जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर मुख्यमंत्री के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते नजर आए। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि “बिहार सरकार ने बहुत सारे फैसले लिए हैं, जो आज की परिस्थिति में बहुत अनिवार्य हैं। मैं कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे निर्णयों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से कोरोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा।”
उन्होंने शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक कर्फ्यू लगाने की बात लिखी है। उनका कहना है, “अगर कोरोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी। घरों में बंद इन 62 घंटे में लोगों को अपनी बीमारी का पता चल सकेगा और उनके बाहर नहीं निकलने के कारण बीमारी के प्रसार को रोकने में कुछ मदद अवश्य मिलेगी।”
दो दिन तक कड़ाई से कर्फ्यू लगाने की सलाह
बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आगे लिखा कि “वैसे कोरोना के प्रसार रोकने की महाराष्ट्र में सर्वोत्तम स्थिति यही रहती कि 4 दिन रोजगार और 3 दिन की बंदी. बिहार में अभी इसकी जरूरत नहीं है पर अगर हम हफ्ते में 2 दिन कड़ाई से कर्फ्यू नहीं लगा पाये तो हमारी स्थिति भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसी हो सकती है।”
संजय जायसवाल ने चीन पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “आज पूरा विश्व कोरोना की चर्चा कर रहा है पर चीन देश की चर्चा कोई नहीं कर रहा। पूरे विश्व को विनाश के गर्त में डालने वाला चीन आज कहीं चर्चा में नहीं है। चिकित्सकों से लेकर आम आदमी तक मे इस बात की चर्चा हो रही है कि यूके स्ट्रेन, ब्राजील स्ट्रेन, न्यूयॉर्क स्ट्रेन, अफ्रीका स्ट्रेन जैसे न्यू म्यूटेंट वायरस चल रहे हैं पर चाइनीज कोरोना वायरस की चर्चा कहीं नहीं है, जिसने पूरे विश्व को बर्बाद कर दिया। पूरे विश्व को चाइना का विरोध करना चाहिए। जब हम विभिन्न देशों पर म्युटेंट् स्ट्रेन का नाम रख सकते हैं तो हर हालत में हमें चाइनीज कोरोना वायरस नाम से ही इस बीमारी की पहचान करनी चाहिए।”
By: Sumit Anand