‘बंगाल’ होगा भाजपा का? राजनीतिक पंडितों की राय जानिए
बंगाल चुनाव को अब अधिक दिन नहीं बचे हैं, ऐसे में सभी पार्टियां अपना पूरा जोड़ इस चुनाव को जीतने में लगा रही है। टीएमसी बंगाल में एक लम्बे समय से सत्ता में काबिज है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी बंगाल में पैर जमाने के लिए अपना पूरा जोड़ लगा दिया है।
बंगाल में हिंसा का एक लम्बा इतिहास है। यहाँ पर शुरुआत से ही सत्ताधारी पार्टियां विपक्ष को कुचलने और सत्ता में जमे रहने के लिए हिंसा का उपयोग करती है। गौरतलब है कि इस चुनाव में भी हालत अलग नहीं हैं। यहाँ पर पंचायत स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर कद के नेताओं पर हमला हो चूका है। कुछ ही दिनों पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हमला किया गया, उस हमले में मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के कई बड़े नेता घायल हुए थे। कुछ ही दिनों पहले राज्य के मंत्री के ऊपर बम से भी हमला हुआ था, जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि पूर्व चुनावों के तरह ये चुनाव भी हिंसा के बीच में ही होगा।
क्या कहते हैं राजनीतिक पंडित राजनीतिक पंडितों की माने तो इस बार के चुनाव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बिच में कड़ा मुकाबला होने वाला है। भाजपा इस बार बंगाल में राष्ट्रवाद को केंद्र में रखकर चुनाव में लड़ रही है वहीं ममता जिस तरीके से बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है भाजपा को उसका फायदा भी मिलेगा।
राजनीतिक मामलों के जानकर प्रदीप सिंह की माने तो अब लोग इस तरह की राजनीति से थक चुके हैं। अब वो बाहर निकलेंगे। इसका फायदा भाजपा को होगा। वहीं शिवाजी सरकार भी मानते हैं कि पश्चिम बंगाल में वर्षों से सत्ताधारी पार्टियां इसी तरह से अपने विरोधियों को डरा धमकाकर चुनाव जीतती आई हैं। इस बार लोग बेहद करीब से इसको देख रहे हैं। शिवाजी की राय में ममता जिस तरह की भाषा का उपयोग करती हैं उसको वहां के पढ़े लिखे लोग सही नहीं मानते हैं। भाजपा इस चुनाव में ममता पर काफी आक्रामक है और साथ ही उसकी मौजूदगी भी पहले से कहीं ज्यादा दिखाई दे रही है, जिसका फायदा उसको हो सकता है।
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