कश्मीर में भी अब भाजपा लहर, क्या है इसके मायने
कड़ाके की ठंड के बीच, अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जिला विकास परिषद के पहली बार चुनाव हुए। जिसमें बीजेपी की लहर अब जम्मू कश्मीर में भी नज़र आ रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के लोगो का नजरियां बीजेपी को लेकर साफ हो गया है।
बात करे जम्मू की तो बीजेपी सीट हासिल करने में सबसे आगे रही जम्मू में भाजपा का 71 सीटों पर बोल बाला रहा और गुपकर गठबंधन ने 35 सीटों पर कब्जा जमाया वहीं कांग्रेस ने 17 सीटों पर ही जीत मिली और कश्मीर में गुपकर गठबंधन का बोल बाला रहा नेका ओर पीडीपी को मिलाकर 72 सीट हासिल हुई। भाजपा यहाँ पीछे रही सिर्फ 3 सीटे ही हासिल कर पाई इसके अलावा कांग्रेस के हाथ सिर्फ 10 सीटें ही मिली।
बाकी पूरे देश में जनता इसीलिए वोट डालती है, कि नगर, शहर, देश का विकास हो, गरीबी ख़तम हो या अन्य! लेकिन कश्मीर के नागरिक इस आस से भी वोट डालते कि उनके द्वारा चुना गया नेता कश्मीर से आतंकवाद दंगा फसाद इन सब चीजों को मिटाएगा।
लेकिन, देखने को मिलता है कि पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पारा ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर में पुलवामा जिले से जिला विकास परिषद के चुनाव में जीत दर्ज की जिनके आतंकवादियों के साथ संबंध थे ,जिसको लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें हिरासत में भी लिया था ! जिस नेता को आतंकवाद के सिलसिले में हिरासत में ले लिया गया है ,क्या उसका चुनाव जीतना कथित रूप से ठीक है?
लेकिन सवाल ये उठता है आखिर उनको वोट तो वहीं की जनता ने दिया है तो जम्मू कश्मीर के लोग आखिर चाहते क्या है? एक तरफ जम्मू कश्मीर में वोटरों ने जमकर मतदान दिया और वायरल हुए वीडियो में आतंकवाद को जवाब देते हुए भी दिखाई दिए और दूसरी वह उमीदवार जीत जाता है, जिसका आतंकवाद से समंध है!
कई राजनीतिक पार्टियां आई और गई लेकिन कश्मीर के आतंवाद ओर दंगाफसाद की गुत्थी अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया।