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नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन का ‘बूस्टर ट्रायल’ सफल, जानिए हर सवाल का जवाब

कोरोना वायरस के खिलाफ जल्द ही एक और बड़ी सफलता मिल सकती है.

नाक के रास्ते से दी जाने वाली वैक्सीन का बूस्टर ट्रायल सफल रहा है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सोमवार को यह जानकारी दी.

भारत की इस फार्मा कंपनी ने कहा कि उसने अपने इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन बीबीवी 154 के लिए चरण-III और बूस्टर डोज का ट्रायल पूरा कर लिया है और यह सुरक्षित साबित हुई है.

कंपनी ने कहा कि ट्रायल बेहतर तरीके से सहन करने योग्य और प्रतिरक्षाजनक साबित हुआ है।

हेटेरोलोगस बूस्टर डोज यानी ऐसी वैक्सीन जो कोवैक्सीन और कोवीशील्ड लगवा चुके लोग भी लगवा सकेंगे.

शुरुआती नतीजों के मुताबिक, नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वास नली और फेफड़ों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ पैदा कर सकती है जिससे इन्फेक्शन घटता है और संक्रमण कम फैल पाता है. हालांकि, इसकी और स्टडी भी की जा रही है.

इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सेंट लुईस के साथ मिलकर बनाया है. भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोल़ॉजी ने कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इस वैक्सीन के लिए आंशिक फंडिंग की है.

भारत बायोटेक की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा इल्ला ने आज़ादी के दिन यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि नाक से दी जाने वाली पहली कोरोना वैक्सीन का विकसित होना किफायती कदम है.

यह वैक्सीन भी 2 से 8 डिग्री के तापमान पर स्टोरी की जा सकेगी. इसे बनाने का काम गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र के प्लांट्स में किया जाएगा.