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Budget 2021: जानिए ‘सेस’ टैक्स क्या होता है और इसका ‘जन-जीवन’ पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

सरकार ने इस साल 2021 के बजट में पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 4 रुपये का कृषि सेस लगाया है।
आमतौर पर जब भी बजट पेश किये जाते है, तो साथ ही हर बजट में इनकम टैक्स की दरों के अलावा सेस और सरचार्ज की दरें भी जारी कर दी जाती हैं। वहीं कुछ नए करदाताओं को कई बजट बेहद परेशानी में डालने वाले होते है, क्योंकि अक्सर ये तीन तरह के टैक्स (Income Tax, Cess, Surcharge) नए करदाताओं में कन्फ्यूजन उत्पन्न कर देते हैं लेकिन कई लोग ऐसे होते है, जिन्हे बजट के विषय में जानकारी होती है, परन्तु उन्हें सेस से संबंधित जानकारी नहीं होती है। इसलिए यदि आपको भी सेस से सम्बंधित अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है तो तो यहाँ पर आपको सेस क्या होता है, कितने प्रकार का होता है ? इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है।

सेस (Cess) का क्या मतलब होता है ?

सेस का मुख्य रूप से उपकर अर्थ होता है, सेस भी एक प्रकार का टैक्स होता है, जो टैक्स के ऊपर लगाकर अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जाता है। इसी वजह से सेस को उपकर कहा जाता है। इसके अलावा इस टैक्स को चुंगी या महसूल के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
सेस टैक्स का प्रभाव आम आदमी पर नहीं पड़ता है।

सेस (Cess) किस पर लगता है

सेस एक प्रकार का कर होता है। यह एक ऐसा कर होता है, जो आपके मुख्य टैक्स के ऊपर अलग से लगा दिया जाता है। यह सामान्य टैक्स से कुछ अलग तरह का होता है, क्योंकि मुख्य टैक्स का पैसा सरकार अपनी जरूरत के हिसाब से किसी भी मद में खर्च कर सकती है, लेकिन सेस टैक्स से मिली रकम को सिर्फ उसी मद में खर्च किया जा सकता है, जिस मद के लिए वह सेस लिया गया है। वैसे तो यह कर बिना किसी मकसद के नहीं लगाया जाता है। इसका मतलब यह हुआ है, कि सेस किसी खास मकसद के लिए अलग से लगाया गया छोटा टैक्स या सहायक टैक्स या उपकर होता है । कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है, कि यह कर किसी खास तरह के खर्चों या उपभोगों पर भी लगा दिया जाता है ।

सेस (Cess) टैक्स की विशेषताएं

सेस भी एक प्रकार का कर होता है |
यह एक ऐसा कर है, जो मुख्य कर के अतिरिक्त होता है |
इसे किसी खास मकसद से ही लगाया जाता है |
इसे पूरी आमदनी पर कभी भी नहीं लगाया जाता है |
इस कर को केवल टैक्स देनदारी पर लगाया जाता है |
इस कर को सभी करदाताओं को इसे चुकाना आवश्यक होता है |
इस कर को मुख्य रूप से टैक्स और सरचार्ज के कुल योग से तय किया जाता है |

सेस (Cess) के प्रकार

कृषि कल्याण उपकर
स्वच्छ भारत उपकर
स्वच्छ ऊर्जा उपकर
चाय, चीनी और जूट आदि पर उपकर

वर्तमान समय में केंद्र सरकार द्वारा निम्न 6 उपकर लगाये जा रहे हैं, जो इस प्रकार से है-

प्राथमिक शिक्षा उपकर
माध्यमिक शिक्षा उपकर
कच्चे पेट्रोलियम तेल पर उपकर
रोड सेस
तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता उपकार
आयातित वस्तुओं पर शिक्षा उपकर

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