कैबिनेट ने डीए, डीआर में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति ने आज केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत को 01.07.2021 से बढ़ाकर 28% करने की मंजूरी दे दी, जो मूल वेतन/पेंशन के 17% की मौजूदा दर में 11% की वृद्धि को दर्शाता है।
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत (डीआर) की तीन अतिरिक्त किस्तों, जो 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से देय थीं, पर रोक (फ्रीज) लगा दी गई थी।
अब सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत को 01.07.2021 से बढ़ाकर 28% करने का निर्णय लिया है, जो मूल वेतन/पेंशन के 17% की मौजूदा दर में 11% की वृद्धि को दर्शाता है।
यह वृद्धि 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 को देय अतिरिक्त किस्तों को दर्शाती है। 01.01.2020 से लेकर 30.06.2021 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की दर 17% पर ही यथावत रहेगी।
क्या है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है।
ऐसे होती है डीए की गणना
महंगाई भत्ते यानी डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।