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कैबिनेट ने 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2024-25 सीज़न के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अपनी मंजूरी दे दी है।

कच्चे जूट (टीडीएन-3, पहले के टीडी-5 श्रेणी के बराबर) का एमएसपी 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इससे उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा। 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी सरकार द्वारा बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है।

यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।

2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए एमएसपी में पिछले सीजन की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार ने 122 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कच्चे जूट के लिए एमएसपी को 2014-15 में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

वर्तमान सीजन 2023-24 में, सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।

भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन संबंधी कार्यों का संचालन करने हेतु केन्द्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में जारी रहेगी और ऐसे कार्यों में होने वाले नुकसान, यदि कोई हो, की प्रतिपूर्ति पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा की जाएगी।