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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और पोलैंड के बीच आपराधिक मामले में कानूनी सहायता संबंधी संधि को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत गणराज्य और पोलैंड गणराज्य की सरकारों के बीच आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता से सम्बन्धित संधि को मंजूरी दे दी है।

इसका उद्देश्य परस्पर कानूनी सहायता के माध्यम से आतंकवाद से संबंधित अपराधों समेत अन्य अपराधों की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की क्षमता और प्रभावशीलता में वृद्धि करना है।

इस संधि का उद्देश्य आपराधिक मामलों में सहयोग और आपसी कानूनी सहायता के माध्यम से अपराध की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की प्रभावशीलता को बढ़ाना है। अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद के साथ इसके संबंधों के संदर्भ में, प्रस्तावित संधि, अपराध की जांच और अभियोजन के साथ-साथ अपराध के बढ़ने, इसके मददगार उपकरणों तथा आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण के लिए धनराशि आदि का पता लगाने, रोकने और जब्त करने में पोलैंड के साथ द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करेगी।

इस संधि पर हस्ताक्षर और पुष्टि के बाद, सीआरपीसी, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उपयुक्त राजपत्र अधिसूचना जारी की जाएगी, ताकि भारत में संधि के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। राजपत्र अधिसूचना सरकारी कार्यक्षेत्र के बाहर, आम जनता के लिए उपलब्ध है और यह संधि आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता के सन्दर्भ में भारत एवं पोलैंड के बीच आपसी सहयोग पर और अधिक जागरूकता एवं पारदर्शिता प्रदान करेगी।

यह पोलैंड से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों से निपटने में भारत की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा। एक बार इसके संचालन में आने के बाद, संधि के माध्यम से संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के तौर-तरीकों के बारे में इनपुट और बेहतर जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही इनका उपयोग आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में नीतिगत निर्णयों को बेहतर बनाने के लिए भी किया जा सकता है।