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कैबिनेट सचिव ने तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर और बंगाल में कोविड मामलों में तेज वृद्धि की समीक्षा की

कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। ये राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश पिछले एक सप्ताह से उच्च सक्रिय मामलों या नए मामलों में बढ़ती प्रवृत्ति की रिपोर्ट करते रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित कोविड प्रबंधन और प्रतिक्रिया कार्यनीति की समीक्षा और चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक, नीति आयोग उच्च अधिकार प्राप्त समूह के सदस्यों और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवरों ने भाग लिया।

छह राज्यों – महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात ने पिछले 24 घंटों में नए मामलों में तेज वृद्धि प्रदर्शित की है। महाराष्ट्र 8,333 की संख्या के साथ निरंतर सर्वोच्च दैनिक नए मामले दर्ज करा रहा है। 3,671 की संख्या के साथ इसके बाद केरल का स्थान है जबकि पंजाब में पिछले 24 घंटों में 622 नए मामले सामने आए। पिछले दो हफ्तों में, महाराष्ट्र ने 14 फरवरी को दर्ज 34,449 सक्रिय मामलों की तुलना में उच्चतम वृद्धि प्रदर्शित की है, जो वर्तमान में 68,810 है।

नये मामलों की बढ़ती संख्या रिपोर्ट करने वाले, पोजिटिविटी में बढ़ते रुझान और संबंधित जांच रुझानों वाले जिलों पर फोकस के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई थी। इसके बाद सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक व्यापक समीक्षा की गई। मुख्य सचिवों ने राज्यों में वर्तमान स्थिति तथा कोविड मामलों में हाल में आई तेजी से निपटने में उनकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारी जुर्माना और चालान काटने के द्वारा कोविड उपयुक्त व्यवहार लागू करने, जिला कलेक्टरों के साथ करीबी रूप से निगरानी तथा कंटेनमेंट गतिविधियों की समीक्षा करने और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाए जा रहे अन्य कदमों के बारे में जानकारी दी।

कैबिनेट सचिव ने दोहराया कि राज्यों को रोग के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए निरंतर कठोर सतर्कता बनाए रखने तथा पिछले वर्ष किए गए सामूहिक परिश्रम के लाभ को व्यर्थ न गंवाने की आवश्यकता है। राज्यों को अपनी निगरानी न घटाने, कोविड उपयुक्त व्यवहार लागू करने और उल्लंघनों से दृढ़तापूर्वक निपटने की सलाह दी गई। जोरदार तरीके से रेखांकित किया गया कि उन्हें संभावित बेहद तेज विस्तार (सुपर स्प्रेडिंग) घटनाओं के संबंध में प्रभावी निगरानी कार्यनीतियों का पालन करने की आवश्यकता है। प्रभावी जांच, व्यापक ट्रैकिंग, पोजिटिव मामलों के त्वरित आइसोलेशन और घनिष्ठ संपर्कों के शीघ्र क्वारंटीन की आवश्यकता पर भी मजबूती से बल दिया गया।

राज्यों को निम्नलिखित कदम उठाने की सलाह दी गई:

1. जांच में कमी की रिपोर्ट करने वाले जिलों में समग्र जांच में सुधार

2. उच्च एंटीजन जांच वाले राज्यों और जिलों में आरटी- पीसीआर की जांच बढ़ाएं

3. कम जांच / उच्च पोजिटिविटी और बढ़े हुए मामलों की रिपोर्ट करने वाले चुने हुए जिलों में निगरानी और सख्त कंटेनमेंट पर पुनर्विचार करें

4. आरम्भिक हॉटस्पॉट पहचान एवं नियंत्रण के लिए म्यूटेंट स्ट्रेन तथा मामलों की क्लस्टरिंग की निगरानी

5. अधिक मौतें रिपोर्ट करने वाले जिलों में नैदानिक ​​प्रबंधन पर फोकस

6. अधिक मामले रिपोर्ट करने वाले जिलों में टीकाकरण को प्राथमिकता दें

7. कोविड – उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा दें, विशेष रूप से टीकाकरण मुहिम के अगले चरण में प्रवेश करने के आलोक में शिथिलता न आने देने के लिए प्रभावी नागरिक संवाद सुनिश्चित करें और सख्त सोशल डिस्टेंसिंग उपायों को लागू करें।