जीआरएपी कार्यान्वयन हेतु सीएक्यूएम उप-समिति ने एक आपातकालीन बैठक की
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा शाम चार बजे एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आज 399 दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण गिरावट के मद्देनजर, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए आज एक आपात बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान, उप-समिति ने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमान की व्यापक समीक्षा की। समग्र वायु गुणवत्ता मापदंडों का आकलन करते हुए, उप-समिति ने नोट किया कि मौसम संबंधी अत्यधिक प्रतिकूल स्थितियों के कारण पिछले कुछ घंटों में दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता खराब हो गई है और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)/आईआईटीएम द्वारा वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में इसमें और वृद्धि का रुझान है। इसलिए, इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को और खराब होने से रोकने के प्रयास में पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी के चरण-III को फिर से लागू करना आवश्यक समझा गया है।
जीआरएपी पर उप-समिति के पहले के फैसलों के आधार पर, जीआरएपी के चरण- I और चरण- II तक की कार्रवाइयां क्रमशः 5 अक्टूबर, 2022 और 19 अक्टूबर, 2022 के आदेशों के तहत पहले से ही लागू हैं। दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण गिरावट के चलते एनसीआर में 04.12.2022 को जीआरएपी के चरण- III के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी और 07 दिसंबर, 2022 को हुई अपनी बैठक में उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा की। आसपास के क्षेत्र और दिल्ली के समग्र एक्यूआई में सुधार के आधार पर, उप-समिति ने दिनांक 4 दिसंबर, 2022 के अपने आदेश को दिनांक 7 दिसंबर, 2022 के आदेश द्वारा रद्द कर दिया।
गतिशील मॉडल और मौसम/मौसम विज्ञान संबंधी पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक शांत हवा और स्थिर वायुमंडलीय स्थितियों के कारण ‘गंभीर’ श्रेणी में गिरने की उम्मीद है और इसके और बिगड़ने की आशंका है। इसलिए, क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को और अधिक बिगड़ने से रोकने के प्रयास में, उप-समिति ने निर्णय लिया है कि जीआरएपी के चरण III – ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता (401-450 के बीच दिल्ली एक्यूआई) के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयां सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से सही तरीके से लागू की जानी चाहिए। यह जीआरएपी के चरण-I और चरण-II के तहत पहले से लागू निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के अतिरिक्त है।
तदनुसार, जीआरएपी के चरण-I और चरण-II के तहत निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के अलावा, जीआरएपी के चरण-III के अनुसार 9-सूत्रीय कार्य योजना आज से पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू है। इस 9 सूत्रीय कार्य योजना में एनसीआर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की विभिन्न एजेंसियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। ये कदम हैं:
यंत्रीकृत/वैक्यूम आधारित सड़कों की बार-बार सफाई पर जोर देना।
2. पीक ट्रैफिक घंटों से पहले, धूल बैठने के लिए हॉटस्पॉट्स, हैवी ट्रैफिक कॉरिडोर सहित सड़कों और रास्तों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव और निर्दिष्ट स्थलों / लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान।
3. सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर जोर देना। भीड़भाड़ के समय से अलग (ऑफ-पीक) यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग किराया दरों को लागू करना।
4. निर्माण एवं ध्वस्तीकरण (सी एंड डी) गतिविधियां:
(i) निम्नलिखित श्रेणियों की परियोजनाओं को छोड़कर, पूरे एनसीआर में निर्माण एवं ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लागू करना:
. रेलवे सेवाएं / रेलवे स्टेशन
बी. स्टेशनों सहित मेट्रो रेल सेवाएं
सी. हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल
डी. राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियां/राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं
ई. अस्पताल / स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं
एफ. राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पॉवर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाएं
. स्वच्छता परियोजनाएं जैसे सीवेज उपचार संयंत्र और जल आपूर्ति परियोजनाएं आदि
. उपरोक्त श्रेणियों की परियोजनाओं के लिए विशिष्ट और पूरक सहायक गतिविधियां।
नोट: उपरोक्त छूट इस संबंध में समय-समय पर जारी किए गए आयोग के निर्देशों के अनुपालन सहित निर्माण एवं ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, धूल रोकथाम/नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के अधीन होगी।
(ii) उपरोक्त (i) के तहत छूट प्राप्त परियोजनाओं के अलावा, इस अवधि के दौरान धूल पैदा करने वाली/वायु प्रदूषण पैदा करने वाली निर्माण एवं ध्वस्तीकरण गतिविधियों को सख्ती से प्रतिबंधित किया जाएगा:
· बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित उत्खनन और भरने के लिए मिट्टी का काम।
· निर्माण और वेल्डिंग संचालन सहित सभी संरचनात्मक निर्माण कार्य।
· ध्वस्तीकरण कार्य।
· परियोजना स्थलों के भीतर या बाहर कहीं भी निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग।
· फ्लाई ऐश सहित कच्चे माल का या तो मैन्युअल रूप से या कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से स्थानांतरण।
· कच्ची सड़कों पर वाहनों की आवाजाही।
· बैचिंग प्लांट का संचालन।
· ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, वाटरलाइन, ड्रेनेज कार्य और इलेक्ट्रिक केबल बिछाना।
· टाइलों, पत्थरों और अन्य फर्श सामग्री को काटना और लगाना।
· पीसने की गतिविधियां।
· पाइलिंग का कार्य।
· वाटर प्रूफिंग कार्य।
· फुटपाथों/पाथवे और बीच के हिस्सों को पक्का करने सहित सड़क निर्माण/मरम्मत कार्य।
(iii) एनसीआर में सभी निर्माण परियोजनाओं के लिए, नलसाजी कार्य, आंतरिक सजावट, विद्युत कार्य और बढ़ईगीरी जैसे कार्यों को जारी रखने की अनुमति दी जाएगी, जो प्रदूषण से मुक्त होंगे और जिससे धूल पैदा नहीं होगी।
5. औद्योगिक संचालन
पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर और आपूर्ति वाले औद्योगिक क्षेत्रों के लिए:
एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधनों की मानक सूची के अनुरूप ऐसे उद्योग/ईंधन पर नहीं चलने वाले कार्यों को बंद करने/प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना।
बी. औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जहां पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर और आपूर्ति नहीं है:
एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधनों की मानक सूची के अनुसार किसी भी ईंधन का उपयोग नहीं करने वाले ऐसे उद्योगों के संचालन को सप्ताह में अधिकतम 5 दिन संचालित करने के लिए निम्नानुसार (31.12.2022 तक) विनियमित करना:
(i) पेपर और पल्प प्रोसेसिंग, डिस्टिलरीज और कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट – शनिवार और रविवार को बंद रहेंगे।
(ii) धान/चावल प्रसंस्करण इकाइयां – सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगी।
(iii) रंगाई सहित कपड़ा / वस्त्र और परिधान से जुड़ी प्रक्रियाएं – बुधवार और गुरुवार को बंद रहेंगे।
(iv) उपरोक्त श्रेणियों में न आने वाले अन्य उद्योग – शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे।
सी. 01.01.2023 से एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधनों की मानक सूची के अनुसार, ऐसे उद्योग/संचालन जो ईंधन से नहीं चल रहे हैं, पूरे एनसीआर में बंद/प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना।
नोट: दूध और डेयरी इकाइयां तथा जो जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों/ औजारों, दवाओं और दवाओं के निर्माण में शामिल हैं, उन्हें उपरोक्त प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी।
6. एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधनों की मानक सूची के अनुसार ईंट भट्टों, गर्म मिश्रण संयंत्र को बंद करना, जो ईंधन पर काम नहीं कर रहे हैं।
7. स्टोन क्रशर का संचालन बंद करना।
8. एनसीआर में खनन और संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध/बंद लागू करना।
9. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र/राष्ट्रीय राज्य राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार में राज्य सरकारें बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया) पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।
इसके अलावा, आयोग एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करने और जीआरएपी के तहत सिटीजन चार्टर में उल्लिखित कदमों का पालन करने की अपील करता है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि:
• स्वच्छ आवागमन चुनें – काम पर जाने के लिए सवारी साझा करें या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें या पैदल या साइकिल से जाएं।
• जिन लोगों की स्थिति घर से काम करने की अनुमति देती है, वे घर से काम कर सकते हैं।
• गर्म करने के लिए कोयले और लकड़ी का उपयोग न करें।
• खुले में जलाने से बचने के लिए मकान मालिक सुरक्षा कर्मचारियों को बिजली के हीटर (सर्दियों के दौरान) प्रदान कर सकते हैं।
• कार्यों को संयोजित करें और यात्राओं को कम करें। जहां तक संभव हो पैदल चलें।
इसके अलावा, सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को सलाह दी जाती है कि जीआरएपी के चरण ‘I’ और चरण ‘II’ के तहत कार्रवाई को और तेज करें और चरण ‘III’ के तहत कार्यों के कार्यान्वयन के लिए , विशेष रूप से निर्माण और निर्माण से संबंधित प्रतिबंध; ध्वस्तीकरण की गतिविधियां, स्टोन क्रशर और खनन और संबंधित गतिविधियां नियंत्रित करने के लिए विशेष अभियान चलाएं। गैर-अनुमोदित ईंधन का उपयोग करने वाले औद्योगिक संचालन, ईंट भट्ठों और गर्म मिश्रण संयंत्रों पर नियामक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
आयोग स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और तदनुसार वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा करेगा। जीआरएपी का संशोधित कार्यक्रम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे caqm.nic.in के माध्यम से देखा जा सकता है।