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केंद्र सरकार ने ऋण के वितरण और इथेनॉल परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा बढ़ाई

केंद्र सरकार ने परियोजना प्रस्तावकों को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने और ब्याज सबवेंशन का लाभ उठाने की सुविधा के लिए वर्ष 2018 से 2021 के दौरान अधिसूचित सभी योजनाओं के संबंध में ऋण के वितरण हेतु समय सीमा 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

केंद्र सरकार विशेष रूप से अधिशेष मौसम में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल का उत्पादन तथा इसकी आपूर्ति बढ़ाने हेतु और इस तरह के उपाय से चीनी मिलों की आर्थिक तरलता की स्थिति में सुधार करने में चीनी मिलों को किसानों के गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान करने में सक्षम बनाने के लिए 2018-2021 के दौरान चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को विभिन्न ब्याज सबवेंशन योजनाओं में अधिसूचित किया है।

सरकार एक साल की छूट सहित पांच वर्ष के लिए बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सबवेंशन @ 6% प्रति वर्ष या बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर का 50%, जो भी कम हो, उसके रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

योजनाओं के तहत, इथेनॉल परियोजनाओं के लिए ऋण के वितरण की समय सीमा मार्च/अप्रैल 2022 तक है। हालांकि, कोविड -19 के कारण अपरिहार्य और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की वजह से परियोजना प्रस्तावक बैंकों / वित्तीय संस्थानों से ऋण वितरण की समय सीमा का पालन करने में असमर्थ थे और उनके लिए एक निश्चित समय सीमा में अपनी परियोजनाओं को पूरा करना संभव नहीं था। इसलिए, 2018-2021 के दौरान पहले घोषित ब्याज सबवेंशन योजनाओं के तहत ऋणों के वितरण के लिए समय सीमा बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई है।

वर्ष 2014 से पहले शीरा आधारित भट्टियों की इथेनॉल आसवन क्षमता केवल 215 करोड़ लीटर थी। लेकिन पिछले 7 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए नीतिगत परिवर्तनों के कारण शीरा आधारित भट्टियों की क्षमता में डेढ़ गुना वृद्धि हुई है और वर्तमान में यह क्षमता 555 करोड़ लीटर है। अनाज आधारित भट्टियों की क्षमता जो साल 2013 में 206 करोड़ लीटर थी, अब बढ़कर 280 करोड़ लीटर हो गई है।

इस प्रकार, देश में कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता 835 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। यह अलग बात है कि 2025 तक 20% सम्मिश्रण प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता को लगभग 1700 करोड़ लीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता है। इथेनॉल परियोजनाओं के लिए समय सीमा बढ़ाने के निर्णय से इथेनॉल उत्पादन क्षमता को और अधिक बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वर्ष 2013 तक ओएमसी को इथेनॉल की आपूर्ति केवल 38 करोड़ लीटर थी, जिसमें इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में केवल 1.53% का सम्मिश्रण स्तर था। ईंधन ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन और तेल विपणन कंपनियों को इसकी आपूर्ति 2013-14 से 2020-21 तक 8 गुना बढ़ चुकी है। ईएसवाई 2020-21 में, हमने ऐतिहासिक रूप से लगभग 302.30 करोड़ लीटर के उच्च आंकड़े को छुआ है, जिससे 8.10% सम्मिश्रण प्राप्त हुआ। वर्तमान ईएसवाई 2021-22 में दिनांक 03.04.2022 तक लगभग 141 करोड़ लीटर इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया गया है, जिससे 9.66% मिश्रण प्राप्त हुआ है। उम्मीद है कि मौजूदा इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 में हम 10% सम्मिश्रण लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।

कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने, कच्चे तेल के आयात बिल के कारण विदेशी मुद्रा बचाने तथा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ ईंधन ग्रेड इथेनॉल के 10% मिश्रण और 2025 तक 20% मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है।