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केन्द्र सरकार पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए सिंगल विंडो पोर्टल स्थापित करेगी: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वृद्ध नागरिकों के लाभ के लिए एकल विंडो पोर्टल की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल न केवल देश भर में पेंशनभोगियों और उनके संघों के साथ निरंतर संपर्क को सक्षम करेगा, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उनके इनपुट, सुझाव और शिकायतें भी नियमित रूप से प्राप्त करेगा।

पेंशन नियमों यानी (सीसीएस) (पेंशन) नियम, 2021 की समीक्षा और रेशनलाइजेशन के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (एससीओवीए) की 32वीं बैठक को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में 2014 के बाद से आम आदमी के लिए “ईज ऑफ लिविंग” लाने के लिए पेंशन नियमों में कई क्रांतिकारी बदलाव लाए गए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कॉमन पेंशन पोर्टल का उद्देश्य पेंशनभोगियों के लिए अपनी शिकायतों को उठाने और व्यक्तिगत रूप से विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किए बिना उनका समाधान करने के लिए सिंगल विंडो डिजिटल तंत्र बनाना है। उन्होंने कहा कि पेंशन बकाया की प्रक्रिया, मंजूरी या संवितरण के लिए जिम्मेदार सभी मंत्रालय इस प्रणाली से जुड़े हुए हैं और शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित मंत्रालय / विभाग को आकलन के बाद अग्रेषित किया जाता है। पेंशनभोगी के साथ-साथ नोडल अधिकारी भी सिस्टम में निपटान तक ऑनलाइन शिकायत की स्थिति देख सकते हैं।

स्कोवा (एससीओवीए) अपने संघों और संबंधित मंत्रालयों / विभागों के माध्यम से हितधारकों यानी पेंशनभोगियों के साथ परामर्श करने के लिए एक उपयोगी मंच है। यह संघों को पेंशनभोगियों के कल्याण आदि से संबंधित अपने मुद्दों को सीधे संबंधित मंत्रालयों / विभागों के समक्ष उठाने का अवसर प्रदान करता है। बैठक में जम्मू, जयपुर, तमिलनाडु, कर्नाटक, चंडीगढ़ और देश के अन्य हिस्सों के पेंशनभोगी संघों ने भाग लिया।

आज की बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा योजना (सीजीएचएस) वेलनेस सेंटरों में डॉक्टरों की कमी, पेंशनभोगियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, जम्मू में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर से संबंधित विभिन्न मुद्दों, आजीवन बकाया के लिए पेंशनभोगियों का नामांकन, पेंशन अदालत और पहचान किए गए पेंशनभोगियों के संघों को अनुदान सहायता तथा लैपटॉप मंजूरी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई I

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ज्ञान, अनुभव और प्रयासों का अच्छा उपयोग करने पर जोर देने की जरूरत है जिससे पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के मूल्यवर्धन में सहायता मिल सकती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि नवंबर 2020 में डाक के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) जमा करने के लिए डोरस्टेप सेवा शुरू होने के बाद से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से 3,08,625 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र बनाए जा चुके हैं। जीवन प्रमाण पोर्टल के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रधानमंत्री द्वारा नवंबर, 2014 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए एक सुविधाजनक और पारदर्शी सुविधा प्रदान करना था। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 100 शहरों में जीवन प्रमाण पत्र के संग्रह के लिए डोरस्टेप बैंकिंग है और बैंकिंग एजेंटों के माध्यम से किए गए जीवन प्रमाणपत्रों की संख्या 4253 है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से जमा करने के लिए एंड्रॉइड फोन के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक 29.11.2021 को शुरू की गई और अब तक फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से 20,500 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र किए जा चुके हैं। इसी तरह, उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक केंद्र सरकार के पेंशनरों द्वारा जमा किए गए जीवन प्रमाण पत्रों की कुल संख्या लगभग 1,07,75,980 है। 2021 में अब तक जमा किए गए कुल डीएलसी की संख्या 19,80,977 है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में 813 संबद्ध कार्यालयों सहित 96 मंत्रालयों / विभागों के मुख्य सचिवालय में एक एकीकृत ऑनलाइन पेंशन प्रसंस्करण प्रणाली ‘भविष्य’ प्लेटफॉर्म’ सफलतापूर्वक लागू की जा रही है। अब तक, 1,50,000 से अधिक मामलों पर कार्रवाई की जा चुकी है, अर्थात इनके लिए पीपीओ जारी किए गए जिसमें 80,000 से अधिक ई-पीपीओ शामिल हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि भविष्य 8.0 डिजिलॉकर में ईपीपीओ को पुश (पीयूएसएच) की एक नई सुविधा के साथ अगस्त, 2020 में जारी किया गया था। ‘भविष्य’ डिजिलॉकर की डिजिलॉकर आईडी आधारित को पुश (पीयूएसएच) तकनीक का उपयोग करने वाला पहला एप्लिकेशन है।

मंत्री ने कहा कि विभाग ने 2017 में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की पुरानी शिकायतों के समाधान के लिए पेंशन अदालतें आयोजित करने का अनूठा प्रयोग शुरू किया था, जो मौजूदा नीति के कार्य क्षेत्र के भीतर आता है और पहली पेंशन अदालत 20.09.2017 को आयोजित की गई थी। विभाग अब तक कुल 6 पेंशन अदालतें आयोजित कर चुका है। अगली पेंशन अदालत 05.05.2022 को आयोजित होने वाली है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को आधिकारिक और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए पहल के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने का निर्देश दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि की इससे पहले पेंशन नियम 50 साल पहले 1972 में अधिसूचित किए गए थे। तब से, सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 में बड़ी संख्या में संशोधन हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बदलावों और इन नियमों के विभिन्न प्रावधानों को स्पष्ट करने वाले कई कार्यालय ज्ञापनों के आलोक में, विभाग ने नियमों का एक संशोधित और अद्यतन संस्करण यानी सिविल सेवा (सीसीएस) (पेंशन) नियम, 2021 जारी किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि संशोधित नियम पेंशन, पारिवारिक पेंशन अथवा ग्रेच्युटी की राशि की पात्रता के संबंध में कोई बदलाव नहीं करते हैं। हालाँकि, नए नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में कई नए नीतिगत और प्रक्रियात्मक सुधार लाते हैं। साथ ही, मंत्री महोदय ने कहा कि पुराने नियमों में कुछ प्रावधान, जो समय के साथ बेमानी हो गए हैं, को नए नियमों से हटा दिया गया है।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने विभाग के हालिया सुधारों और पहलों के बारे में भी जानकारी दी।