केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह कल नई दिल्ली में हरित हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएच 2023) का उद्घाटन करेंगे
तीन दिवसीय सम्मेलन हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम स्थापित करने और हरित हाइड्रोजन के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन के लिए वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति करना चाहता है
सरकार द्वारा 05 से 07 जुलाई, 2023 तक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हरित हाइड्रोजन पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएच-2023) का आयोजन किया जा रहा है, जिससे संपूर्ण हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में हाल में हुई प्रगति एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए वैश्विक वैज्ञानिकों, नीति, शैक्षणिक और औद्योगिक दिग्गजों को एक साथ लाया जा सके। यह सम्मेलन इस क्षेत्र के हितधारकों को इस क्षेत्र में विकसित हरित हाइड्रोजन परिदृश्य और नवाचार-संचालित समाधानों का पता लगाने में सक्षम बनाएगा, इस प्रकार इस क्षेत्र के लिए स्थिर इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करेगा।
इस सम्मेलन का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के सहयोग से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ किया जा रहा है।
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह 05 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप पुरी और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में करेंगे।
इस सम्मेलन को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के. सूद; नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव श्री भूपेंदर सिंह भल्ला; कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव डॉ. अतुल कुमार तिवारी; विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल; वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के सचिव डॉ. एन. कलासेल्वी; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री टी के रामचंद्रन; और इस्पात मंत्रालय में सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा जैसे कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं संबोधित करेंगे।
इस सम्मेलन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि हम कैसे हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम को स्थापित कर सकते हैं और किस प्रकार से हरित हाइड्रोजन के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक प्रणालीगत दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकते हैं। इसमें हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, वितरण और अनुप्रवाह अनुप्रयोगों पर डोमेन-विशिष्ट अनुसंधान बातचीत के अलावा, इस क्षेत्र में हरित वित्तपोषण, मानव संसाधन कौशल विकास और स्टार्टअप पहल पर भी चर्चा होगी। यह सम्मेलन इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और सीखने में सक्षम बनाएगा।
सम्मेलन में आयोजित होने वाली विभिन्न पूर्ण वार्ता, विशेषज्ञ पैनल चर्चा एवं तकनीकी विचार-विमर्श, उद्योग एवं अनुसंधान बिरादरी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन में निहित उद्देश्यों के अनुरूप, राष्ट्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं को गहराई से समझने का अवसर प्राप्त होगा, जो वर्ष 2070 तक भारत के नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक मिशन है।
25 सत्र, विभिन्न महाद्वीपों के विशेषज्ञ होंगे एकत्रित
तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम स्थापित करने के उद्देश्य से कम से कम 25 गहन सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसमें अमेरिका, जापान, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, अफ्रीका सहित अनेक देशों के विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो भारत के शीर्ष सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, उद्योग एवं अन्य हितधारकों के साथ अपने दृष्टिकोण को साझा करेंगे, जिससे डीकार्बोनाइजेशन के लिए सबसे अच्छे मार्ग को परिभाषित किया जा सके।
सम्मेलन में सभी हितधारकों की व्यापक रुचि को ध्यान में रखा गया है। इसमें डेमो, पीएसयू, निजी कंपनियों और स्टार्टअप द्वारा प्रोटोटाइप के साथ-साथ बी2बी और बी2जी बैठकें आयोजित होंगी।
उद्योग जगत के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे जिसमें अन्य के अलावा आईओसी; आरईसी; एनटीपीसी; टोयोटा किर्लोस्कर, मित्सुई ओएसके लाइन्स, लार्सन एंड टुब्रो; इवोनिक; एचएएल ऑफशोर लिमिटेड; अशोक लेलैंड; केपीआईटी पुणे; टाटा पावर; हीरो फ्यूचर एनर्जीज जैसी कंपनियां शामिल हैं।
शीर्ष अनुसंधान और वैज्ञानिक समुदाय का प्रतिनिधित्व अन्य के अलावा राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला; भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु; राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल), पुणे; आईआईटी खड़गपुर; आईआईटी बॉम्बे; आईआईटी, मद्रास द्वारा किया जाएगा। शीर्ष नियामक और मानक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व अन्य के अलावा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा किया जाएगा।
सम्मेलन में सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और स्टार्टअप द्वारा डेमो, प्रोटोटाइप के साथ-साथ बी2बी और बी2जी बैठकें भी आयोजित होंगी।
सम्मेलन के पहले दिन हाइड्रोजन उत्पादन-इलेक्ट्रोलिसिस और बायो-पाथवे; हाइड्रोजन भंडारण, वितरण और रिफ्यूलिंग; हाइड्रोजन ऊर्जा इकोसिस्टम एवं मूल्यांकन; फ्यूल सेल और इलेक्ट्रोलाइज़र: प्रमुख सामग्री और घटक; हाइड्रोजन उत्पादन- थर्मोकेमिकल परमाणु और अन्य; हाइड्रोजन गतिशीलता; एकीकृत हाइड्रोजन पद्धति; उद्योगों में हाइड्रोजन पर सत्र आयोजित किए जाएंगे; साथ ही विघटनकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की जाएगी।
सम्मेलन के दूसरे दिन 06 जुलाई को दो पूर्ण व्याख्यान होंगे जिसमें हरित हाइड्रोजन की भूमिका पर एक जापानी और दूसरा ऑस्ट्रेलियाई परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा। इस दिन का तकनीकी सत्र पाइपलाइन इंफ्रा एवं संगतता; हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था – रसद और अवसंरचना; कोड, मानक और विनियम; हाइड्रोजन घाटी/हब/क्लस्टर; हाइड्रोजन में स्टार्ट-अप; हाइड्रोजन रणनीतियां और नीतियां; हरित वित्तपोषण; मजबूत अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण पर केंद्रीत होगा। सम्मेलन का दूसरा दिन हरित हाइड्रोजन उत्पादन से जुड़े कार्बन उत्सर्जन पर एक पैनल चर्चा के साथ समाप्त होगा।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन एक पूर्ण व्याख्यान होगा जो एक यूरोपीय परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करेगा और प्रमुख उद्योग हितधारकों के बीच एक पैनल चर्चा होगी। इस सम्मेलन का समापन एक समापन सत्र के साथ होगा।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत भारत सरकार ने 04 जनवरी 2023 को अपनी डीकार्बोनाइजेशन रणनीति के भाग के रूप में की थी। मिशन हरित हाइड्रोजन में अनुसंधान एवं विकास पर महत्वपूर्ण बल दिया गया है और इसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है। यह मिशन देश में एक मजबूत हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए नीतियों एवं प्रौद्योगिकियों में प्रमुख मध्यवर्तन की शुरुआत करेगा। यह मांग उत्पन्न करके, आपूर्ति पक्ष को मजबूत करके और नीति एवं नियामक संरचना, नवाचार और सामर्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसे प्राप्त करना चाहता है। यह मिशन इस क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगा और तेजी से बढ़ोत्तरी, प्रौद्योगिकी विकास, मानकों और नियामक संरचना की स्थापना और लागत में कमी को सक्षम बनाएगा। हरित हाइड्रोजन में अनुसंधान एवं विकास न केवल चिरस्थायी ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास के अवसरों को भी खोलता है। अनुसंधान एवं विकास को प्राथमिकता प्रदान कर, भारत हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार है, जो एक स्वच्छ एवं हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।