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केंद्र सरकार ने तेलंगाना सहित देश भर के किसानों के कल्याण को शीर्ष प्राथमिकता दी है: गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान धान और चावल की खरीद तीन गुना बढ़ गई है जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी उल्लेखनीय बढोतरी हुई है जिससे राज्य के किसानों को चार से पांच गुना अधिक लाभ प्राप्त हुआ है।

गोयल ने कहा कि राज्य सरकार पिछले वर्ष के रबी सीजन में उगाए गए चावल और धान की सहमतिप्राप्त मात्रा तेलंगाना के किसानों को देने में विफल रहा है। राज्य द्वारा 27 लाख टन चावल एफसीआई गोदामों को देना अभी भी बाकी है। इस कमी में 14 लाख टन उसना चावल तथा 13 लाख टन कच्चा चावल शामिल है।

गोयल ने कहा कि केंद्र ने तेलंगाना के किसानों के प्रति एक विशेष भावना प्रदर्शित करते हुए अतिरिक्त रूप से पिछले वर्ष के रबी सीजन में उगाए गए 20 लाख उसना चावल की खरीद करने पर सहमति जताई है, हालांकि देश को निश्चित रूप से इस अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चावल की प्रदायगी के लिए बार बार राज्य सरकार को समय दिया था।

मंत्री ने उसना चावल के मुद्दे पर कहा कि एफसीआई के पास चार वर्षों की मांग को पूरी करने के लिए पर्याप्त भंडार है और राज्य सरकार के साथ हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई द्वारा चावल की खरीद शेष भारत में मांग पर निर्भर करेगी। इसी के अनुरूप, तेलंगाना सरकार ने दिनांक 4 अक्टूबर, 2021 को एक पत्र में लिखित प्रतिबद्धता की थी कि राज्य भविष्य में भारतीय खाद्य निगम को उसना चावल की डिलीवरी नहीं करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे चावल की खरीद को लेकर कोई मुद्दा नहीं था और एफसीआई ने राज्य से खरीदों में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि कर दी थी। श्री गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार ने तेलंगाना सहित देश भर के सभी किसानों के कल्याण को शीर्ष प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार को समझौते के अनुसार, तेलंगाना में पिछले वर्ष के रबी सीजन में उगाए गए चावल की सहमति प्राप्त मात्रा की त्वरित रूप से आपूर्ति करनी चाहिए और उसे राज्य के किसानों को भ्रमित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

रेक और भंडारण स्थान की उपलब्धता के बारे में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में, श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की कोई समस्या नहीं है और राज्य को अर्नगल आरोप लगाने के बजाये अनाज की सहमति प्राप्त मात्रा की निश्चित रूप से आपूर्ति करनी चाहिए।

गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार हमेशा तेलंगाना तथा तेलंगाना के किसानों के साथ है और वह हमेशा उनके कल्याण के लिए कदम उठाती रहेगी।