केंद्र ने पूंजीगत वस्तुओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए योजना अधिसूचित की
भारी उद्योग मंत्रालय ने भारतीय पूंजीगत वस्तु सेक्टर– चरण-II में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना की अधिसूचना जारी कर दी है, ताकि सामान्य प्रौद्योगिकी विकास और सेवा अवसंरचना को सहायता दी जा सके। योजना का वित्तीय प्रावधान 1207 करोड़ रुपये है तथा 975 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन और 232 करोड़ रुपये का उद्योगों का योगदान है। योजना को 25 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया था।
पूंजीगत वस्तु सेक्टर की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाली योजना के दूसरे चरण का उद्देश्य पहले चरण की प्रायोगिक योजना के प्रभाव को विस्तार देना और उसे आगे बढ़ाना है। इस तरह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा योग्य पूंजीगत वस्तु सेक्टर की मजबूत रचना करके उसमें तेजी लाई जायेगी। उल्लेखनीय है कि यह सेक्टर निर्माण सेक्टर में कम से कम 25 प्रतिशत योगदान करता है।
पूंजीगत वस्तु सेक्टर– चरण-II में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना के छह पक्ष हैं:
1. प्रौद्योगिकी नवोन्मेष पोर्टलों के जरिये प्रौद्योगिकियों की पहचान,
2. चार नये उन्नत उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों की कुशलता बढ़ाना,
3. पूंजीगत वस्तु सेक्टर में कौशल को प्रोत्साहन– कौशल स्तर 6 और उससे ऊपर के लिये योग्यता पैकेज,
4. चार सामान्य इंजिनियरिंग सुविधा केंद्रों (सीईएफसी) की स्थापना और मौजूदा सीईएफसी की कुशलता बढ़ाना,
5. मौजूदा परीक्षण और प्रमाणीकरण केंद्रों की कुशलता बढ़ाना,
6. प्रौद्योगिकी विकास के लिये दस औद्योगिक उत्प्रेरकों की स्थापना