चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष – पीएम को याद आए किसान
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तरप्रदेश के चौरी-चौरा में चल रहे कांड के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक घटना की याद में उत्तर प्रदेश सरकार यह समारोह मना रही है। इस मौके पर भी PM मोदी किसानों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की के पीछे किसान ही हैं। उन्होंने चौरी-चौरा संघर्ष में भी अहम भूमिका निभाई थी।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले छह सालों में हमने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही वजह है कि कोरोना महामारी के बावजूद भी एग्रीकल्चर सेक्टर में अच्छी खासी – बढ़त देखने को मिल रही है।
पीएम मोदी के भाषण की तीन बड़ी बातें
1. सौ साल पहले सिर्फ थाने में नहीं, दिलों में आग लगी थी
सौ साल पहले चौरी-चौरा में जो हुआ वह सिर्फ आग लगा देने की एक घटना नहीं थी। वह आंदोलन बहुत व्यापक था। पहले जब भी इसकी बात हुई उसे आगजनी की घटना के रूप में ही देखा गया। आगजनी क्यों हुई, यह देखना भी जरूरी है। वह आग थाने में ही नहीं लगी थी, लोगों के दिलों में भी लगी थी।
2. शहीदों को इतिहास में ज्यादा जगह नहीं मिली
चौरी-चौरा में पूरे साल चलने वाले कार्यक्रमों में शहीदों को याद किया जाएगा। देश आजादी की 175वीं वर्षगांठ मना रहा है, ऐसे में यह और प्रासंगिक हो जाता है। चौरी-चौरा के शहीदों को भले इतिहास में प्रमुखता से जगह नहीं दी गई हो, लेकिन इस माटी में मिला उनका खून हमें प्रेरणा देता है।
3. महामना को याद करने का भी दिन
अंग्रेजी हुकूमत तो सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने पर तुली थी, लेकिन बाबा राघवदास और महामना मालवीय जी के प्रयासों से सैकड़ों लोगों को फांसी से बचा लिया गया था। ऐसे में यह दिन बाबा राघवदास और महामना मालवीय जी को स्मरण करने का भी है।
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