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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने  520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का किया शुभारंभ

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत ₹201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, भारत सरकार परशोत्तम रुपाला ने हरी झंडी दिखाकर किया ।

वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड वैक्सीन पर फैसला लेने से एक साल पहले ही देश के पशुओं का भी टीकाकरण करने का फैसला ले लिया था।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे पशुओं के लिये भारत सरकार के खर्चे से मोबाइल वेटरनरी यूनिट शुरु करना तथा असहाय पशुओं के लिये भी 108 डायल कर एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध करायी जिससे देश के सभी पशुपालक खुश है। रुपाला ने कहा कि जिस तरह मानव बीमारी के लिये सबकी जुबां पर एम्बुलेंस की सुविधा के लिये 108 है उसी तरह अब सभी को जानवरों को एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 1962 कण्ठस्थ कर लेना चाहिये ।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने कहा कि जिस तरह उतर प्रदेश सरकार ने नेपाल और मध्य प्रदेश बार्डर को सील करके लम्पी रोग पर विजय पायी ये पूरे विश्व के लिये प्रेरणा का श्रोत है।उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता थी कि अगर लम्पी रोग उतर प्रदेश में फैल जायेगा तो उसके परिणाम भयावह होंगे लेकिन योगी सरकार ने कुशलता के साथ इस पर विजय प्राप्त की। रुपाला ने कहा कि लम्पी रोग की रोकथाम करने वाले कर्मयोगियों का सम्मान भी उतर प्रदेश सरकार के द्वारा होना चाहिये.केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में नं. 1 है,और उतर प्रदेश भारत में नं. एक पर है।भारत के विश्व में सबसे आगे होने का कारण उतर प्रदेश का भारत में नं. 1 होना है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हु ये उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लगभग 06 करोड़ पशुधन के संरक्षण व संवर्धन की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गईं मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद। योगी आदित्यनाथ ने कहा किप्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6,600 से अधिक गो-आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं।प्रदेश में कुल 12 लाख निराश्रित गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख गोवंश के संरक्षण की जिम्मेदारी अकेले उतर प्रदेश सरकार उठा रही है।उन्होंने कहा कि मोबाइल वेटरनरी वैन अब प्रदेश के 05 जोन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से संचालित होंगी.