18 वर्ष से ज्यादा उमर के बच्चे लगवा सकेंगे कार्बेवैक्स वैक्सीन, DCGI ने दी मंजूरी
देश में कोरोना से लड़ने के लिए एक और हथियार मिल गया है। हैदराबाद की दवाई कंपनी बायोलाजिकल ई की कोरोना रोधी कोर्बेवैक्स नाम की वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में बूस्टर डोज के रूप में उपयोग करने की अनुमति मिल गई है।
भारतीय दवा महानियंत्रक (Drug Controller General of India, DCGI) ने इसे मंजूरी दी है। डीसीजी ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन मिक्स एवं मैच बूस्टर डोज के रूप में मंजूरी पाने वाली देश की पहली वैक्सीन है।
मिक्स एवं मैच बूस्टर डोज का मतलब होता है कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों प्राथमिक डोज ले चुके 18 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को अब आपातकालीन स्थिति में कोर्बेवैक्स लगवा सकेंगे। इससे भारत में कोरोना की बूस्टर डोज में कमी आएगी।
कोर्बेवैक्स को पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी लगाने की मंजूरी मिल चुकी है। बायोलाजिकल ई की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा कि हम डीसीजीआइ के इस फैसले से बहुत खुश हैं।
आपको बता दें कि अप्रैल के महीने में 5 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए बायोलाजिकल-ई की कोविड रोधी वैक्सीन Corbevax को डीसीजीआइ के द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई थी और अब यह वैक्सीन 12 से 14 उम्र वर्ग के बच्चों भी को दी जा रही है।
देश में 15 से 18 के बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत 3 जनवरी से हुई थी तब 15 से 18 साल के किशोरों को कोवैक्सिन लगाई जा रही थी। वहीं, 16 मार्च को इस अभियान को बढ़ाते हुए 12 वर्ष के अधिक उम्र के बच्चों को भी कोर्बेवैक्स वैक्सीन की ड़ोज लगने लगी।