‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022’ पोर्टल लाइव हुआ, आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी स्थानीय निकायों को अपनी तरह की इस पहली पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया
आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 20 मार्च, 2023 को ‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग 2022’ पोर्टल www.cityfinance.in/rankings को लाइव कर दिया गया है। देश भर के शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) अब पूरी तरह से डिजिटल और 100% पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से इसमें भाग ले सकते हैं। ‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग 2022’ को देश भर में नगरपालिका निकायों के वर्तमान वित्तीय स्वास्थ्य की गुणवत्ता और वित्तीय प्रदर्शन में समय के साथ सुधार करने के आधार पर मूल्यांकन, पहचान और पुरस्कृत करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है।
28 दिसंबर, 2022 को आवासन और शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा लॉन्च की गई ‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग 2022’ के दिशानिर्देशों के अनुसार, भाग लेने वाले यूएलबी का मूल्यांकन तीन प्रमुख नगरपालिका वित्त के 15 संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। मूल्यांकन पैरामीटर इस प्रकार है- (i) संसाधन जुटाना, (ii) व्यय कार्य प्रदर्शन और (iii) राजकोषीय शासन। निम्नलिखित चार जनसंख्या श्रेणियों में से किसी एक के तहत शहरों को उनके स्कोर के आधार पर रैंक दिया जाएगा, ये इस प्रकार हैं- (i) 4 मिलियन से अधिक (ii) 1-4 मिलियन के बीच (iii) एक लाख से 10 लाख (iv) 100,000 से कम। प्रत्येक जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 3 शहरों को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रत्येक राज्य/राज्य क्लस्टर में मान्यता दी जाएगी और पुरस्कृत किया जाएगा।
‘नगर वित्त रैंकिंग 2022’ में भाग लेने की अंतिम तिथि 31 मई, 2023 है। भाग लेने वाले यूएलबी आवश्यक डेटा/दस्तावेज (लेखा परीक्षित खातों, वार्षिक बजट और स्वयं रिपोर्ट किए गए प्रदर्शन मेट्रिक्स सहित) को www.cityfinance.in. पर सृजित ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। परियोजना निगरानी इकाई के रूप में भारत का गुणवत्ता नियंत्रण (क्यूसीआई) डेटा संग्रह प्रक्रिया के दौरान यूएलबी/राज्यों को रखरखाव सहायता प्रदान करेगा। डेटा के सत्यापन और प्रमाणीकरण के बाद अंतिम रैंकिंग जुलाई, 2023 में घोषित किए जाने की उम्मीद है।
सिटी फाइनेंस रैंकिंग नीति निर्माताओं को शहरी स्थानीय निकायों के वित्तीय की स्थिति में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करेगी। यूएलबी को वित्तीय रैंकिंग में भाग लेने से भी लाभ होगा, क्योंकि वे अन्य शहरों की तुलना में अपने स्वयं के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे, जिनसे उन्हें भविष्य में सुधार करने की प्ररेणा मिलेगी।