NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
इरेडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने रिटेल डिवीजन की स्थापना करने और रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन को उन्नत बनाने की योजना के बारे में इंगित किया

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्‍था लिमिटेड (इरेडा) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री प्रदीप कुमार दास ने रूफटॉप सोलर, पीएम-कुसुम, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी) खंडों से जुड़ी खुदरा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक सहायक कंपनी स्थापित करने की इरेडा की योजनाओं के बारे में इंगित किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मंजूरी मिलने की स्थिति में इरेडा द्वारा खुदरा क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्थापित की जा सकती है। सीएमडी ने आज, 20 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में सीआईआई द्वारा विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में आयोजित “सेकेंड सीआईआई इंडिया यूरोप बिजनेस एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव” के अंतर्गत “ग्रीन फाइनेंसिंग: आर्किटेक्चर फॉर एक्सेसिबल फाइनेंस” विषय पर आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान यह बात कही।

इरेडा के सीएमडी ने अपने संबोधन में 13 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के संबंध में रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की बैंकेबिलिटी के प्रति एजेंसी के सक्रिय रुख को स्पष्ट किया।

पैनल चर्चा मुख्य रूप से परियोजना की बैंकेबिलिटी सुनिश्चित करने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए विकास में तेजी लाने के लिए भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का समर्थन करने पर केंद्रित थी। श्री दास ने इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रीन हाइड्रोजन और ऑफशोर विंड जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बैंकेबल बनाने की इरेडा की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कर्जदारों की चिंताओं के निवारण और बेहतर पारदर्शिता के माध्यम से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को कम करने में पिछले तीन वर्षों में इरेडा की सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला।

सीएमडी ने पर्यावरणीय स्थिरता में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रति इरेडा के समर्पण की पुष्टि की। उन्होंने किफायती ब्याज दरों पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्त तक पहुंच सुगम बनाने के लिए एमएसएमई द्वारा अपनी रेटिंग और प्रशासन में सुधार किए जाने के महत्व पर जोर दिया।