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बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी को पूरा करने के लिए कोयला क्षेत्र पूर्ण रूप से तैयार: कोयला मंत्रालय

कोयला मंत्रालय मानसून के दौरान थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) की ओर से स्टॉक निर्माण वाले मुद्दे का समाधान करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जुलाई माह से देश में बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी को पूरा करने के लिए सीआईएल के पास कोयला के पर्याप्त भंडार मौजूद है। मंत्रालय द्वारा बिजली मंत्रालय, रेलवे और कोयला कंपनियों के समन्वय के साथ दैनिक आधार पर विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति की निगरानी उच्चतम स्तर पर की जा रही है। कोयला सचिव ने 27 अगस्त और 30 अगस्त को कोयला कंपनियों के साथ आपूर्ति स्थिति की समीक्षा की है।

कोयला सचिव ने कोयला कंपनियों को विशेष निर्देश दिए हैं जिनमें उन्होंने कहा है कि वे महत्वपूर्ण स्टॉक वाले सभी टीपीपी को प्राथमिकता के आधाप पर आपूर्ति करें और उच्च स्टॉक वाले खानों से स्टॉक परिशोधन पर ध्यान दें। उन्होंने यह भी निर्देश जारी किया है कि संबद्ध खानों में उपलब्धता वाली स्थिति उत्पन्न होने पर संयंत्र का संचालन सुचारू रूप से करने के लिए वैकल्पिक स्रोत आवंटित किए जाएं। इस डिस्पैच को बिजली मंत्रालय के परामर्शों के साथ जोड़ा जा रहा है।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अगस्त 2021 के आखिरी पांच दिनों में आपूर्ति में लगातार तीव्रता लाते हुए कोयले का उत्पादन 17 लाख टन (एमटी) प्रतिदिन कर दिया है। कोयले से चलने वाली बिजली संयंत्रों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए, सीआईएल प्रति दिन 1.36 एमटी कोयले की पंपिंग कर रहा है। पिछले तीन दिनों से बिजली क्षेत्र में औसत लोडिंग 1.4 एमटी तक पहुंच चुकी है।

टीपीपी को कोयले की आपूर्ति जुलाई में उच्च स्तर पर पहुंची है और तब से यह लगातार ऐतिहासिक रूप से उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। रेलवे प्राधिकारियों के सहयोग से कोयला आधारित बिजली की मांग में हुई अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी को पूरा करने के लिए डिस्पैच को बढ़ावा देने की दिशा में सभी प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। सीआईएल की सहायक कंपनियों ने मौजूदा मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी लोडिंग बढ़ा दी है।

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने अपना रिकॉर्ड प्रदर्शन करते हुए 30 अगस्त को 102 रेक भेजे हैं। सीआईएल ने सीआईएल साइडिंग के माध्यम से 30 अगस्त को एक ही दिन में 285 रेकों की लदान की है, जो कि जुलाई 2021 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी लदान है। टीपीपी में कोयले के स्टॉक में कमी की दर में अब बहुत हद तक सामान्य स्थिति बन चुकी है।

आने वाले दिनों में कोयला कंपनियों की ओर से बिजली संयंत्रों की आपूर्ति में और ज्यादा सुधार होने की संभावना है, जिससे मानसून के इन महत्वपूर्ण महीनों में देश के साथ खड़े रह सकें और बिजली क्षेत्र की मांग को पूरा किया जा सके। यह भी उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में टीपीपीएस पर कोयला स्टॉक स्थिर हो जाएगा और इसके बाद आगे की दिशा में बढ़ने लगेगा।