कानपुर में कमिश्नर-डीएम ने आधी रात किया मार्च, अब तक 35 लोग हुए गिरफ्तार
शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा को लेकर देर रात करीब 2 बजे पुलिस कमिश्नर और DM ने फ्लैग यतीमखाना की सड़क पर मार्च किया। इसके साथ ही घरों में दबिश देकर संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया हैं। उन्होंने आगे कहा कि अभी कई अन्य लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक 40 नामजद लोग हैं और 1,000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया जा है।
Police conducts flag march in Kanpur where a clash broke out between two groups over market shutdown, earlier today. pic.twitter.com/PQNKfKOvrq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2022
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि 36 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इस हिंसा में अब तक 3 FIR दर्ज कराई गई हैं। इसमें से एक FIR चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों की तरफ से दर्ज कराई गई है।
UP | Security tightened in Kanpur after a clash broke out b/w two groups
The situation is under control, police have been deployed at sensitive locations. 3 FIRs have been registered & 36 people identified. Strict actions will be taken against miscreants: Kanpur CP Vijay Meena pic.twitter.com/K31A9uEoZe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 4, 2022
वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर देर रात हाई लेवल बैठक बुलाई है। मीटिंग में योगी ने कहा 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। बता दें कि हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर भी चलाया जा सकता है।
Kanpur, UP | 18 detained in view of a clash between two communities allegedly over market shutdown: Kanpur CP Vijay Meena pic.twitter.com/rRdJD2kDJ6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2022
सीएम योगी ने माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ साथ सख्ती से निपटने की बात भी कही। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इसे लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार को कानपुर नगर में बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कही गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और हिंसा हो गई थी।