नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को कांग्रेस सरकारों ने कमतर आंका, डॉ जितेंद्र सिंह ने लगाया आरोप
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस की पूर्व सरकारों पर विगत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और विरासत को कम करके आंकने का आरोप लगाया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और योगदान पर आज नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि यह वास्तव में मुक्ति का वह अवसर है जब हम अपने गुमनाम नायकों की उचित महिमा को बहाल करना चाहते हैं और इतिहास में किसी भी कारण से उनके साथ जो अन्याय किया गया है उसे भी दूर करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि देश, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी है कि उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहेब अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार पटेल सहित गुमनाम नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को पुनर्जीवित किया है और इन नायकों के बलिदान और उपलब्धियां का स्मरण कराया है। इन नायकों के बलिदान और उपलब्धियों को कांग्रेस की पूर्व सरकारों द्वारा राजनीतिक और वंशवादी विचारों के कारण लगातार कम करके आंका गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने दर्शकों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान का स्मरण कराया, जिसमें प्रधानमंत्री ने हमें स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के महत्व का स्मरण कराया था और इसका “अमृत महोत्सव” के रूप में वर्णन किया था। प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों के लिए जब भारत 100 वर्ष का हो जाएगा, इस आयोजन के रोडमैप के लिए खुद को तैयार करने की भी सलाह दी थी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि “संकल्प से सिद्धि” की अगले 25 वर्षों की यात्रा निश्चित रूप से भारत को एक विश्वगुरु के रूप में स्थापित करेगी और इसलिए युवा पीढ़ी को राष्ट्र की सेवा में स्वयं को फिर से समर्पित करने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अमृत काल के दौरान युवा पीढ़ी गुमनाम नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और बलिदान से भी परिचित होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री अतीत की भूल को दूर करने का अवसर दे रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष के दौरान, केन्द्र सरकार भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोहों के दौरान गुमनाम नायकों और कम ज्ञात समूहों और स्वतंत्रता संग्राम के कार्यक्रमों का प्रदर्शन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन नायकों के योगदान को रेखांकित करने के लिए अनेक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और व्याख्यान श्रृंखलाओं का भी आयोजन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की इस साल 12 मार्च को साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से ‘पदयात्रा’ (स्वतंत्रता मार्च) को हरी झंडी दिखाने और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (इंडिया@75) की पूर्वावलोकन गतिविधियों के उद्घाटन का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह महोत्सव जन-भागीदारी की भावना से जन-उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
सिंह ने दोहराया कि 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहने वाले समारोहों में पांच स्तंभों (यानी स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कार्य और 75 पर संकल्प) को सपनों और कर्तव्यों को प्रेरणा के रूप में आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन हेतु शामिल किया गया है।