कोरोना मरीज़ को रिकवरी के 6 महीने बाद ही लगाना चाहिए टीका, सरकारी पैनल ने की सिफारिश
देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इसी को देखते हुए भारत सरकार पूरी मुस्तैदी से भारत में टीकाकरण अभियान चला रही हैं। फिलहाल भारत में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि वो पेसेंट जिन्होंने कोरोना से निजात पा ली है उन्हें टीका दिया जाना चाहिए या नहीं। इसका जवाब दिया है सरकारी पैनल ने ।सरकारी पैनल का कहना है कि कोरोना मरीजों को रिकवर होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
इस बीच कोवैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी भारत बायोटेक को 2 से 18 साल की आयु के लोगों के लिए टीकों के दूसरे क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से यह मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा पैनल ने कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच अंतर को भी 12 से 16 सप्ताह तक करने की सिफारिश की है। इससे पहले यह अंतर 6 से 8 सप्ताह तक ही रखने की बात कही गई थी। पैनल ने यह सिफारिश ऐसे वक्त में की है, जब देश भर में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई में कमी देखने को मिल रही है।
देश के कई राज्यों में इसके चलते 18 से 44 साल तक की आयु वाले लोगों का टीकाकरण प्रभावित हुआ है। इससे पहले मार्च में केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच अंतर 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह किए जाने की बात कही थी।
इससे पहले कहा गया था कि ऐसे लोग 1 महीने बाद टीका ले सकते हैं। इस बयान को कोरिया टीके की किल्लत से जोड़कर भी देखा जा रहा है। बता दे कि राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में वैक्सीन की भारी किल्लत है।