कोरोना का कहर: चेहरे पर उदासी और माथे पर गठरी लिए ग़मगीन कदमों से घर को लौट रहे मजदुर
कोरोना के तेजी से बढ़ते नए मामलें ने एक बार फिर से लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं और पिछली दफा की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा प्रभावित मजदुर वर्ग हो रहे हैं, जो पिछले साल के सारे जख्मों को भुलाकर वापस काम पर लौटे थे। अगर हम बात करें तो इनकी जिंदगी पूल के निचे ऊंघाती हैं तो कभी सड़कों पर रेंगती भरती हैं।
फिलहाल देश में कोरोना वायरस के मामलों में ज़बरदस्त तेज़ी के बाद सरकारें हरकत में आई हैं। दिल्ली से लेकर मुंबई, लखनऊ से लेकर भोपाल तक पाबंदियां लगा दी गई हैं। ऐसे में अब लॉकडाउन का खतरा बढ़ता देख प्रवासी मज़दूरों का पलायन फिर से शुरू हो गया है. बीते दिन दिल्ली, पुणे से तस्वीरें सामने आईं और अब मुंबई का भी यही हाल है।
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर उत्तर भारत के मज़दूरों की भारी भीड़ है। हर कोई अपने घर को लौट जाना चाहता है, क्योंकि डर है कि कहीं अचानक लॉकडाउन लग गया तो पिछले साल जैसे हालात बन जाएंगे।