कच्चे तेल पर प्रति टन के हिसाब से 23,250 रुपये का टैक्स लगाया गया; पेट्रोल पर 6 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से लागू
सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से घरेलू उत्पादकों की मोटी कमाई के बीच इस पर 23,250 रुपये प्रति टन के हिसाब से उपकर लगा दिया है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यह उपकर विशेष अतिरिक्त उत्पाद-शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया गया है, लेकिन छोटे घरेलू उत्पादकों और आयातित कच्चे तेल को इस उपकर से मुक्त रखा गया है। घरेलू उत्पादक अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की बराबरी करते हुये कच्चा तेल बेचते हैं।
बयान में कहा गया है, “हाल के महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में बहुत तेजी देखी गई है। कच्चे तेल के घरेलू उत्पादक अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की बराबरी करते हुये कच्चा तेल स्वदेशी रिफाइनरियों को बेचते हैं। परिणामस्वरूप, कच्चे तेल के घरेलू उत्पादक मोटी कमाई कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुये कच्चे तेल पर लगा दिया गया है।”
वित्त मंत्रालय ने इस बयान में स्पष्ट कहा है, “कच्चे तेल के आयात को इससे अलग रखा गया है।”
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों/ईंधन की कीमतों पर इस उपकर का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा छोटे उत्पादकों, जिनका कच्चे तेल का वार्षिक उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के मद्देनजर दो लाख बैरल से कम होगा, उन्हें इस उपकर से छूट रहेगी।
बयान में कहा गया है कि कच्चे तेल का कोई उत्पादक, जिसने पिछले वर्ष कच्चे तेल का कुछ अतिरिक्त उत्पादन किया है, तो कच्चे तेल की उस मात्रा पर कोई उपकर नहीं लगाया जायेगा। यह कदम पिछले वर्ष के दौरान अतिरिक्त उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिये उठाया गया है।