साइकिल रैली, वृक्षों की गिनती और वृक्षों को गले लगाने की गतिविधियां स्थायी जीवन शैली कार्यक्रमों को चिन्हित करती हैं
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) एक ऐसा अवसर है जो पर्यावरण के लिए जागरूकता और कार्रवाई के लिए देश भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है। इस वर्ष, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन एलआईएफ़ई- यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली पर बल देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस 2023 मनाने की परिकल्पना की है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ग्लासगो में वर्ष 2021 में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा (यूएनएफ़सीसीसी)-2021 के 26 देशों के सम्मेलन-सीओपी 26 में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन में एलआईएफ़ई, यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली की अवधारणा पेश की गई थी, जब उन्होंने स्थायी जीवन शैली और प्रथाओं को अपनाने के लिए एक वैश्विक प्रयास को फिर से शुरू करने का आह्वान किया था। समारोह के उपलक्ष्य में एलआईएफ़ई पर देश भर में जन भागीदारी का आयोजन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच)
राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच) ने राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (एनज़ेडपी) के सहयोग से स्कूल और पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए द्विसाइकिल रैली और एक बातचीत के सत्र का आयोजन किया; विद्यार्थियों ने अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण एक अनुकूल जीवन शैली के आंदोलन को अपनाने का संकल्प लिया। अभियान के दूसरे दिन की शुरुआत कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, अशोक प्लेस, बंगला साहिब मार्ग, नई दिल्ली के 155 स्कूली विद्यार्थियों और उत्तर प्रदेश के पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान, मथुरा के 55 विद्यार्थियों के चिड़ियाघर भ्रमण के साथ हुई। दौरे के बाद, प्रतिभागियों को मिशन लाइफ़ यानी पर्यावरण एक अनुकूल जीवन शैली के उद्देश्यों से परिचित कराया गया और मिशन-लाइफ़ पर एक प्रतिज्ञा भी हुई, जिसके बाद प्रतिभागियों ने मिशन लाइफ़ को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई का पालन करने की व्यक्तिगत प्रतिज्ञा की। इन गतिविधियों के अलावा, प्रतिभागियों को मिशन लाइफ पर एक फिल्म भी दिखाई गई।
दिन की समाप्ति एक साइकिल रैली के साथ हुई जिसका उद्देश्य मिशन लाइफ यानी पर्यावरण एक अनुकूल जीवन शैली के अंतर्गत ऊर्जा बचाओ विषय को प्रोत्साहन देना है। राष्ट्रीय प्राणि उद्यान में इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य प्रकृति से जुड़े रहकर सतत जीवन शैली की धारणा को प्रोत्साहन देने के लिए जागरूकता पैदा करना और लोगों को जोड़ना था। वोट फॉर लाइफ के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
प्राकृतिक इतिहास के क्षेत्रीय संग्रहालयों द्वारा कार्यक्रम
मैसूर के राष्ट्रीय प्रकृतिक इतिहास संग्रहालय (आरएमएनएच) ने विद्यार्थियों और आम जनता के लिए मिशन लाइफ (पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली) के हिस्से के रूप में कैंपस में पेड़ों की गिनती की गतिविधि का आयोजन किया और बातचीत/ग्रीन टॉक के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली की आवश्यकता पर बल दिया।
भुवनेश्वर के राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (आरएमएनएच) ने मदर्स पब्लिक स्कूल, भुवनेश्वर के 200 विद्यार्थियों के लिए मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के हिस्से के रूप में पेड़ों की छाल और उनसे जुड़े विभिन्न प्रकार के कीड़ों को जानने और समझने के लिए कैंपस में पेड़ों को गले लगाने की गतिविधि का आयोजन किया गया।
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की निदेशक डॉ. धृति बैनर्जी ने मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली पर जागरूकता फैलाने और जन भागीदारी के लिए पश्चिम बंगाल के बर्दवान विश्वविद्यालय के लगभग 120 विद्यार्थियों को “सतत पर्यावरण के लिए पशु विविधता की भूमिका” विषय पर संबोधित किया।