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राजनीतिक गतिविधियों से दूर आम साधक की तरह साधना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ,कर रहे हैं इन नियमों का पालन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी से करीब 280 किलोमीटर दूर जयपुर के गलता की पहाड़ियों में बने विपश्यना केंद्र में मौन रहकर साधना कर रहे हैं।

वे दस दिनों तक यहाँ साधना में लीन रहेंगे और किसी से भी नहीं मिलेंगे। विपश्यना ध्यान केन्द्र के नियम कायदे इतने कड़े हैं कि यहाँ आम लोगो का आना मना है। केजरीवाल यहां रहकर उन नियमों का पालन कर रहे हैं।

ध्यान साधना के लिए केजरीवाल के जयपुर आने पर सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया।

गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जयपुर आगमन पर स्वागत करता हूं।आपने मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेकर शुभेच्छाएं दीं.,इसके लिए आपका धन्यवाद। मुझे खुशी है कि आपने विपश्यना एवं स्वास्थ्य लाभ के लिए राजस्थान को चुना। मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

दैनिक भास्कर के अनुसार साधना केन्द्र की दिनचर्या सुबह 4 बजे ही शुरू हो जाती है। साधना के दौरान साधक का बोलना भी पूरी तरह से मना होता है। अलग-अलग सेशन होते हैं। सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक साधक को साधना कक्ष में जाना होता है।वहां साधना के बाद एक-डेढ़ घंटे के भीतर नाश्ते समेत अन्य दैनिक कार्य पूरे करने होते हैं। उसके बाद फिर से साधना कक्ष में नियमित ध्यान पर खुद को केंद्रित करना होता है।दोपहर के भोजन के बाद कुछ देर आराम केलिए दिया जाता है।रात में एक वीडियो सुनाया जाता है,जिसमे विपश्यना से मिलने वाली जीवन जीने की कला को बेहद सरल भाषा में बताया जाता है। रात 9 बजे आराम करने का समय होता है।

विपश्यना केन्द्र के साधकों ने न्यूज़ 18 को बताया कि यहां साधना करने से मन को वास्तविक शांति प्राप्‍त होती है। विपश्यना का अर्थ है जो चीज जैसी है, उसे उसी प्रकार जान लेना है।आत्म-निरीक्षण करने से व्यक्ति का मन निर्मलता को प्राप्त करता है।