दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को दिए जाने वाले पानी की गुणवत्ता पर रेलवे से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यात्रियों को दिए जाने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर भारतीय रेलवे से 6 हफ्ते में ताज़ा स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट यात्रियों को कथित दूषित पीने के पानी की आपूर्ति और क्लोरीनेशन प्लांट स्थापित करने के लिए दिए गए ठेकों में हेरफेर को लेकर एक एनजीओ द्वारा दायर पीआईएल पर सुनवाई कर रहा था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने रेलवे को 6 महीने के भीतर यानी 15 फरवरी 2023 तक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
बता दें कि कोर्ट सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नामक एनजीओ की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें एनजीओ ने रेलवे यात्रियों को आपूर्ति किए जाने वाले पेयजल की गुणवत्ता की कथित उपेक्षा और क्लोरीनेशन प्लाटों की स्थापना के लिए ठेके देने में हेराफेरी की बात कहते हुए कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की थी।
हाल ही में सामने आए रिकार्ड से पता चलता है कि कई वर्षों से रेलवे द्वारा दी जा रही पानी की गुणवत्ता बहुत असंतोषजनक रही है।