मलेशिया के उप प्रधानमंत्री ने ‘एटोज़ीरो आसियान शिखर सम्मेलन’ में इरेडा मंडप का उद्घाटन किया
मलेशिया के उप प्रधानमंत्री, दातुक सेरी फदिल्ला यूसुफ ने आज, 05 अक्टूबर, 2023 को मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित एटोज़ीरो (एक्सिलरेट टू नेट ज़ीरो) आसियान शिखर सम्मेलन में भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) मंडप का उद्घाटन किया।
प्रदीप कुमार दास, इरेडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उद्घाटन समारोह में शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ाई। उन्होंने उप प्रधानमंत्री को अपना समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ाने में इरेडा की भूमिका और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
सीएमडी ने कहा कि ‘इरेडा’ भारत सरकार के लक्ष्य और दृष्टिकोण के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि “हमें खुशी है कि मलेशिया के उप प्रधानमंत्री हमारे मंडप का उद्घाटन किया। यह आयोजन हमारी विशेषज्ञता को साझा करने, साझेदारी स्थापित करने और एक हरित, चिरस्थायी भविष्य का निर्माण करने के लिए वैश्विक प्रयासों में योगदान देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।”
इरेडा मंडप नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कंपनी की उपलब्धियों, विशेषज्ञता और योगदान को प्रदर्शित करता है। यह इरेडा के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करने और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में देश की प्रगति का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। यह प्रतिनिधियों, उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों को चर्चा में शामिल होने, सहयोग का पता लगाने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।
इसके अलावा, आज एटोज़ीरो आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान, इरेडा के सीएमडी ने दो पैनल चर्चाओं में हिस्सा लिया: “हरित ऊर्जा वित्तपोषण- फ्रैग्मन्टैशन को संबोधित करना और आसियान में गैप को पाटना” और “हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की ओर: नीति समर्थन, मूल्य श्रृंखला विकास, और नीले और हरित हाइड्रोजन के इर्द-गिर्द नवाचार।”
दास ने उल्लेख किया कि इरेडा अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की उम्मीद कर रहा है, जो कंपनी को अपनी भविष्य की पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करने और आगे ऋण देने के लिए अपने पूंजीगत आधार को बढ़ाने में सक्षम बनाएगा।
उन्होंने विकसित हो रहे हरित वित्तपोषण परिदृश्य में फाइनेंसरों और उद्योग जगत के दिग्गजों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि हरित वित्तपोषण परिदृश्य लगातार विकसित हो रहा है, जो कई चुनौतियां भी सामने लेकर आ रहा है जिनके लिए अद्वितीय समाधान की आवश्यकता है। ये चुनौतियां पारंपरिक और नए एवं उभरते दोनों क्षेत्रों में फैली हुई हैं क्योंकि देश अपनी नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के दिग्गजों को एक मजबूत इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहित करते हुए मांग एवं आपूर्ति दोनों पक्षों पर चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
सीएमडी ने एक मजबूत हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम के निर्माण पर विचार-विमर्श करने के दौरान मांग एवं आपूर्ति दोनों पहलुओं में हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अनुसंधान, विकास एवं नवाचार में निवेश के माध्यम से हरित हाइड्रोजन की लागत में कमी लाने के महत्व पर प्रकाश डाला। इन निवेशों का उद्देश्य हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए लागत प्रभावी उपायों की पहचान करना है। उन्होंने हाइड्रोजन हब स्थापित करके परिवहन (पाइपलाइन और द्रवीकरण) और भंडारण सुविधाओं में बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाने की भी वकालत की। ये केंद्र अवसंरचना के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देंगे और हरित हाइड्रोजन क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे।
डिस्क्लेमर: भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड, लागू वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं के अधीन, अपेक्षित अनुमोदन, बाजार की स्थितियों और अन्य विचारों के अधीन, अपने इक्विटी शेयरों की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश का प्रस्ताव कर रही है और 08 सितंबर 2023 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 07 सितंबर, 2023 का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। डीआरएचपी सेबी की वेबसाइटों www.sebi.gov.in पर, स्टॉक एक्सचेंजों यानी बीएसई लिमिटेड www.bseindia.com पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड www.nseindia.com पर उपलब्ध है और कंपनी की वेबसाइट www.ireda.in पर भी उपलब्ध है। यह बीआरएलएम अर्थात आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज लिमिटेड www.idbicapital.com, बीओबी कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड www.bobcaps.in और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड की वेबसाइट www.sbicaps.com पर भी उपलब्ध है। बोलीदाताओं को ध्यान रखना चाहिए कि इक्विटी शेयरों में निवेश में उच्च स्तर का जोखिम शामिल है और ऐसे जोखिम से संबंधित विवरण को, डीआरएचपी के पृष्ठ 34 पर “जोखिम कारक” शीर्षक अनुभाग पर देखा जा सकता है। संभावित बोलीदाताओं को किसी भी निवेश का निर्णय लेने के लिए सेबी के साथ दाखिल डीआरएचपी पर पूर्ण विश्वास नहीं करना चाहिए।
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