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डीजीबीआर ने अरुणाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण सुरंग परियोजनाओं का निरीक्षण किया

सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने दिनांक 29 सितंबर, 2022 को सेला सुरंग परियोजना की अपनी यात्रा के दौरान अरुणाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण सुरंग परियोजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने सेला सुरंग में कार्यों की प्रगति की समीक्षा की, जो कि सबसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक परियोजनाओं में से एक है तथा इसकी कुल लागत 687.12 करोड़ रुपये है ।

एक बार बनने के बाद सेला सुरंग 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी बाइ-लेन सुरंग होगी। सुरंग की लाइनिंग और इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल का काम जोरों पर चल रहा है। सुरंग का पहला विस्फोट दिनांक 15 जनवरी, 2021 को किया गया था। रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 14 अक्टूबर, 2021 को नई दिल्ली से सुरंग का अंतिम सफल विस्फोट किया।

उसी सड़क पर बीआरओ ने 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग की खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है, जो सबसे धुंधले हिस्सों को चीरकर जाता है। यह प्रोजेक्ट भी पूरा होने की कगार पर है। इस टनल की कुल लागत 88.78 करोड़ रुपये है।

प्रोजेक्ट वर्तक के मुख्य अभियंता द्वारा डीजीबीआर को निर्माण गतिविधियों और सेला एवं अन्य सुरंगों के निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी गई। बीआरओ के कर्मियों को संबोधित करते हुए, डीजीबीआर ने रक्षा तैयारियों को बढ़ाने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण में उनकी कड़ी मेहनत और योगदान की सराहना की ।

बीआरओ हिमालय में सुरंग निर्माण की गति के अभूतपूर्व मानक स्थापित कर रहा है। जबकि इसने अतीत में चार सुरंगों को पूरा किया है, वर्तमान में आठ सुरंगों पर काम चल रहा है, जिसमें बारह और प्लानिंग के अंतर्गत हैं ।