दिल्ली जाने पर अड़े किसान, रोकने की पूरी कोशिश कर रही पुलिस
केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए नए कृषि बिल कानून के विरूद्ध पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं, अब किसानों का प्रयास है कि इस आंदोलन के केंद्र को दिल्ली में लाया जाये। इसलिए पंजाब और हरियाणा के किसानों ने ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आवाह्न किया था।
कई राज्यों से किसानों के जत्थे बुधवार को ही दिल्ली के तरफ कुच कर गए। इन राज्यों के सरकारों के द्वारा इन्हें रोकने का भरसक प्रयास किया जा रहा है, मेट्रो बस और ट्रेनों के परिचालन बंद करने के बाद, उन जगहों पर जहाँ से किसान दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं, वहां भारी पुलीस की तैनाती कर दी गई है। जगह- जगह सड़को पर गड्ढे खोदे जा रहे हैं, पानी के बौछारों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके।
लम्बी लड़ाई की तैयारी में किसान
किसानों के तरफ से पहले से बोला गया था कि उनको जहाँ पर रोका जाएगा, वो अपना डेरा – डंडा वहीं जमा लेंगे। ‘दिल्ली चलो आंदोलन’ को लेकर किसानों की तैयारी भी पूरी है। किसान अपने साथ अनाज, तेल जलावन की लकड़ी और टेंट भी साथ लाए हैं। उनके तरफ से बोला जा रहा है कि जबतक इस किसान विरोधी बिल को वापस नहीं लिया जाता, वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे।
विपक्षी नेताओं ने साधा सरकार पर निशाना
इस आंदोलन में किसानों के ऊपर हो रही बर्बरता को लेकर देश के कई पार्टियों के नेताओं ने सरकार के ऊपर निशाना साधा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने सरकार के ऊपर निशाना साधा।
केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020