NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
मृतक सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चों को पारिवारिक पेंशन परिलाभों में बड़ी बढ़ोतरी मिलेगी: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चों को पारिवारिक पेंशन परिलाभों में बड़ी वृद्धि मिलेगी और इस संबंध में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऐसे बच्चों की गरिमा और देखभाल पर विशेष जोर देने के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य उन दिव्यांगों के लिए जीने में आसानी और बेहतर आर्थिक दशाओं का निर्माण करना है, जिन्हें अधिक चिकित्सा देखभाल एवं वित्तीय सहायता की जरूरत होती है।

डॉ. सिंह ने साथ ही बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के तहत परिवार पेंशन के लिए किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के बच्चे/भाई-बहन की पात्रता के लिए आय मानदंड को उदार बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का विचार है कि परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू होने वाली परिवार पेंशन संबंधी पात्रता के मानदंड शारीरिक रूप से अशक्त बच्चे/भाई-बहन के मामले में उसी तरह लागू नहीं किए जा सकते।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने दिव्यांग बच्चों/भाई-बहन के संबंध में परिवार पेंशन की पात्रता के लिए आय से जुड़े मानदंड की समीक्षा की है और यह फैसला किया है कि ऐसे बच्चों/भाई-बहनों के परिवार पेंशन की पात्रता के लिए आय से जुडा मानदंड, उनके मामले में परिवार पेंशन की पात्र राशि के अनुरूप होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने निर्देश/आदेश जारी किए हैं कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी/ पेंशनभोगी का मानसिक या शारीरिक रूप से अशक्त बच्चा/ भाई-बहन जीवन भर परिवार पेंशन के लिए पात्र होगा/होगी, अगर उसकी कुल आय, परिवार पेंशन के अलावा, सामान्य दर पर पात्र परिवार पेंशन से कम है यानी मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी द्वारा उठाए गए अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत हिस्से और उस पर स्वीकृत मंहगाई राहत भत्ते के बराबर या उससे कम है।

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54(6) के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी का मानसिक या शारीरिक रूप से अशक्त बच्चा/भाई-बहन आजीवन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है, अगर वह किसी ऐसी शारीरिक अशक्तता से पीड़ित है जिसकी वजह से वह अपनी आजाविका नहीं कमा सकता/सकती। इस समय परिवार का कोई सदस्य, जिसमें शारीरिक रूप से अशक्त बच्चे/भाई-बहन शामिल हैं, को उस स्थिति में अपनी आजीविका कमाने वाला माना जाता है, जब परिवार पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उसकी आय न्यूनतम परिवार पेंशन यानी 9,000 रुपये और उस पर स्वीकृत मंहगाई राहत भत्ते के बराबर या उससे ज्यादा है।

वह मामला जिसमें मानसिक या शारीरिक रूप से अशक्त बच्चे/भाई-बहन जो वर्तमान में आय के पूर्व मानदंड को पूरा न करने के कारण पारिवारिक पेंशन प्राप्त नहीं कर रहा है, उसे परिवार पेंशन दी जाएगी, अगर वह आय के नये मानदंड को पूरा करता/करती है तथा सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी या पिछले परिवार पेंशनभोगी की मृत्यु के समय परिवार पेंशन के लिए अन्य शर्तों को भी पूरा करता/करती है। हालांकि, ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ, भावी रूप से अर्जित होंगे और सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी/पिछले परिवार पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख की अवधि से किसी बकाये का भुगतान नहीं किया जाएगा।


ये भी पढ़े –स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ पहली सफल समुद्री यात्रा के बाद लौटाlatest news in hindi, breaking news in hindi, live news hindi, hindi samachar, today’s news in hindi, news update in hindi, top news in hindi, today news headlines in hindi, breaking news today in hindi, news update today in hindi, hindi news update, today hindi news, news today in hindi, news headlines in hindi


Subscribe to our channels on- Facebook & Twitter & LinkedIn