सिद्धू और सिंह के बीच मिट गई दूरियां : सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की संभाली कमान, अपने भाषण में नहीं लिया मुख्यमंत्री का नाम
नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रहा विवाद आखिरकार थम गया। काफी दिनों से पंजाब कांग्रेस में चल रही खींचतान के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है। ताजपोशी के दौरान मंच पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पुरानी बातें भुलाकर मंच पर मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंच से सिद्धू को बधाई दी। लेकिन सिद्धू ने एक बार भी कैप्टन का जिक्र नहीं किया।
हालांकि, सिद्धू ने किसानों और ड्रग्स के मुद्दे पर बात रखी। सिद्धू ने कहा, “मैं सबका आशीर्वाद लेकर सभी को साथ लेकर चलूंगा। मैं सरेआम कहता हूं मेरी चमड़ी मोटी है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे सिर्फ एक ही चीज का जुनून है कि पंजाब कैसे ऊपर उठेगा।”
#WATCH: Newly appointed Punjab Congress president Navjot Singh Sidhu mimics a batting style as he proceeds to address the gathering at Punjab Congress Bhawan in Chandigarh.
(Source: Punjab Congress Facebook page) pic.twitter.com/ZvfXlOBOqi
— ANI (@ANI) July 23, 2021
सिद्धू ने कहा, ‘आज मैं सारे पंजाब के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रधान बन गया। आज मसला किसानों का है, मसला टीचर्स का है, “मसला डॉक्टर्स का है। मसला इन सभी लोगों का है। जबतक इनका मसला हल नहीं हो जाता, जब तक ये औहदा बेकार है। मेरे पिता स्वातंत्रता सेनानी थे। मैं उनके खून का वारिस हूं। मुझे अपने पिता के दर्द का अहसास है। आज लोगों के हक की लड़ाई लड़नी है।”
बता दें कि सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कुछ समय से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी चल रही थी। लेकिन आज दोनों ने एक ही मंच को साथ साझा किया। पिछले करीब चार महीनों में पहली बार सिद्धू और सिंह ने आज एक-दूसरे से मुलाकात की। माना जाता है कि दोनों के बीच खाई की वजह सिद्धू का पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के मामले के लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधना था। इसी वजह से मुख्यमंत्री ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा था कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगेंगे वह उनसे नहीं मिलेंगे।