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वाराणसी के टॉउन हॉल, मैदागिन में शुरू हुआ, दिव्य कला मेला, 2023

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए नारायण स्वामी ने दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में दिव्यांगजनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह बात उन्होंने दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित उत्पादों का विपणन करने के लिए वाराणसी में आयोजित दिव्य कला मेले के उद्घाटन करते हुई कही।

ए. नारायण स्वामी जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजन के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के लिए इन योजनाओं को लागू किया जाता है। केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने ने कहा कि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया और सरकारी शिक्षण संस्थाओं में दिव्यांगजन के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया। सरकार दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम ब्याज दर पर कई प्रकार की योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

सीएमडी एनडीएफडीसी श्री नवीन शाह जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ही पहली बार ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज में लोगों की सोच ही बदल दी। इस अवसर पर डीडीजी, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग श्री किशोर बाबू राव सुरवाड़े जी ने कहा कि हम देश के हर प्रमुख शहर में दिव्य कला मेले आयोजित कर रहे हैं। अब तक कुल छह मेले सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। यह मेला सातवां मेला है।

इस अवसर पर ग्रामीण बैंक द्रारा दिव्यांग लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। भारत सरकार की संस्था एलिम्को द्रारा दिव्य कला मेले में दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए टोकन के रूप में सहायक उपकरण वितरित किए गए। बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक ने 29 दिव्यांगजन के लिए 25.75 लाख स्वीकृत किए हैं। कार्यक्रम के दौरान 5 दिव्यांगजन को टोकन के रूप में ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किए गए।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांग उद्यमियों/कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने के लिए 15 सितंबर से 24 सितंबर 2023 तक टॉउन हॉल, मैदागिन, वाराणसी, उत्तरप्रदेश में ‘दिव्य कला मेला’ का आयोजन किया गया है। इस मेले में जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कला कौशल के धुरंधर अपने शानदार और आकर्षक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और पैकेज्ड फूड आदि, का प्रदर्शन करेंगे जो बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेंगी।

यह दिव्यांगजन के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठी पहल है। दिव्य कला मेला दिव्यांगों के उत्पादों और कौशल के विपणन और प्रदर्शन के लिए एक बड़ा मंच प्रस्तुत करता है। दिव्य कला मेला, इंदौर 2022 से शुरू होने वाली श्रृंखला में सातवां मेला है। इससे पहले दिल्ली, मुंबई, भोपाल , इन्दौर और गुवाहाटी, जयपुर में इस मेले का आयोजन किया जा चुका है। इस मेले के आयोजन के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डिवैल्पमेंट कार्पोरेशन को नोडल एजेंसी के रूप में चुना है।

दिव्य कला मेला में लगभग 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग कारीगर/कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मेला ‘वोकल फॉर लोकल’ की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम साबित हो रहा है जिसमें दिव्यांग शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री को देशभर में उचित मंच उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित किया जाता है।

इस दस दिवसीय दिव्य कला मेला प्रातः 10.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक लोगों के लिए खुला रहता है। इसके अलावा देश के जाने-माने कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और देश के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध फूड स्टॉल्स इस मेला का विशिष्ट आकर्षण हैं। मेले में लोगों के लिए कई आकर्षक सेल्फी प्वाइंट्स बनाएं गए है।