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डॉ. मनसुख मांडविया ने दिल्ली के नजफगढ़ में ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) अस्पताल का उद्घाटन किया

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “सब के लिए स्वास्थ्य” की नीति को आगे बढ़ाते हुए, केंद्र सरकार के चौथे अस्पताल “ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) ” का उद्घाटन आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रवेश साहब सिंह, (सांसद,पश्चिमी दिल्ली) की उपस्थिति में नजफगढ़, दिल्ली में किया।

सभा को संबोधित करते हुए, डॉ मांडविया ने कहा, “आज, हम माननीय प्रधानमंत्री की सच्ची भावना के साक्षी हैं जिनकी बुद्धिमत्ता ने नजफगढ़ के लोगों के लिए इस विश्व स्तरीय अस्पताल को संजीवनी के रूप में उपलब्ध कराया है। हमारी सरकार ने समग्र दृष्टिकोण के साथ काम करना शुरू किया और पहली बार प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य और विकास के बीच सही अर्थों में संबंध स्थापित किया।” “ऐसा इसलिए किया गया ताकि जब हम अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएं, तब तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन सके। आज सबसे गरीब नागरिक को भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है और किसी भी गरीब व्यक्ति को सस्ती स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण परेशानी नहीं होनी चाहिए”।

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता किसी भी सतत विकास का आधार बिन्दु है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का चिकित्सा विज्ञान में एक लंबा इतिहास है। हमारे गहरे निहित सेवा धर्म में, “बीमारियों से मुक्ति ही अंतिम नियति और अच्छा स्वास्थ्य अन्य सभी समृद्धियों को प्राप्त करने का आधार माना गया है।”इसके लिए सदा हमें अपनी संस्कृति को पुनः जीने और “आरोग्यम परमं भोग्यम् स्वास्थ्य सर्वथा साधनम्” में विश्वास के सही मार्ग पर रखा गया है।

सभी को अच्छा स्वास्थ्य तंत्र प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, डॉ मांडविया ने कहा, “यह अस्पताल सभी स्थानीय आबादी, विशेष रूप से समाज के कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य तक उनकी पहुंच की समस्या का समाधान करेगा। नजफगढ़ में इस अस्पताल की स्थिति इसे आसपास के 73 गांवों में रहने वाली 13.65 लाख की आबादी को सेवा प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।”उन्होंने कहा “कई नैदानिक ​​​​और रेडियोलॉजिकल सुविधाओं सहित चिकित्सा, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, आईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू, ईएनटी, नेत्र विज्ञान, रक्त बैंक आदि की सेवाओं का प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि नजफगढ़ के हमारे भाइयों और बहनों को डोरस्टेप सेवाओं की कमी के कारण परेशानी नहीं होगी और यह विश्व स्तरीय सुविधाओं के प्रावधान के माध्यम से हमारे लोगों के जीवन को बहुत आसान बनाएगा”,

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में आयुष सेवाओं की उपलब्धता भारत की समग्र एकीकृत स्वास्थ्य सेवा के सिद्धांत का पालन करता है। “हमने देश में कुशल चिकित्सा पेशेवरों के एक बड़े समूह की उपलब्धता सुनिश्चित की है। हमारी सरकार ने पीएम जन औषधि योजना की क्रांति के माध्यम से सभी तक दवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है और आवश्यक दवाओं की संशोधित राष्ट्रीय सूची में 384 दवाओं को जोड़ा है”। उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कारण, सर्वोत्तम और किफायती स्वास्थ्य सेवा अब गरीबों की पहुंच में है।

प्रवेश साहेब सिंह ने कहा कि आरएचटीसी अस्पताल लंबे समय से नजफगढ़ के लोगों का सपना रहा है। उन्होंने इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आरएचटीसी को मूल रूप से 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में डिजाइन किया गया था, लेकिन बाद में इसकी क्षमता 163 बिस्तरों तक बढ़ा दी गई।

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नजफगढ़ क्षेत्र में पहली बार 2018 में अनुमोदित, आरएचटीसी अस्पताल नजफगढ़ और आसपास के 73 गांवों के लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करेगा। 163 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में ओपीडी, रेडियोलॉजी, 24×7 आपातकालीन सेवाएं, मेडिसिन वार्ड, स्त्री रोग वार्ड, बाल चिकित्सा वार्ड, सर्जरी और आईसीयू जैसी सुविधाएं होंगी।

यह अस्पताल आसपास के गांवों की महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा। यह मानसिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों को विशेषज्ञ सेवाएं भी प्रदान करेगा। आयुष, दंत चिकित्सा और पारिवारिक चिकित्सा विशेषज्ञ रोगियों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेंगे। इनके अलावा सर्जरी, बाल रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, त्वचा विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी और हड्डी रोग विशेषज्ञ और अन्य सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। भारत सरकार की सोलर योजना को बढ़ावा देते हुए इस अस्पताल की छत पर ऑनलाइन ग्रिड सोलर पीवी सिस्टम, सोलर हॉट वॉटर जेनरेटर, एचवीएसी प्लांट रूम और तीन वाटर कूल्ड स्क्रू चिलर लगाए गए हैं।

अग्नि नियंत्रण प्रणाली, भवन प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित धुआं और आग का पता लगाने और नियंत्रण प्रणाली के साथ-साथ जल उपचार संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं।

रोली सिंह, अपर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय; आरएचटीसी की निदेशक डॉ. जी कौशल्या और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।