कल से दिल्ली में लगने जा रही ड्रोन एक्सपो, पी एम मोदी भी पहुँचेंगे
कल यानी 27 और 28 मई नई दिल्ली में बने प्रगति मैदान में देश का सबसे बड़ा ड्रोन महोत्सव आयोजित शुरू होने वाला है। शुक्रवार को इस ड्रोन एग्जीबीशन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। साथ वह किसान ड्रोन पायलटों के साथ बातचीत भी करेंगे। इस बीच ड्रोन्स के द्वारा की गई प्रदर्शन को भी देखेंगे। ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022′ दो दिन तक चलेगा, जो कल यानी शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से कहा गया कि “पीएम मोदी 27 मई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव- ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022′ का उद्घाटन करेंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि पीएम, किसान ड्रोन पायलटों के साथ बातचीत करेंगे और ड्रोन्स के परिचालन को देखेंगे”।
इस फेस्टिवल में सरकारी अधिकारी, विदेशी राजनयिक, सशस्त्र बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, प्राइवेट कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप समेत 1,600 से ज्यादा डेलिगेट्स हिस्सा लेंगे। इस एग्जीबिशन में 70 से ज्यादा एग्जीबिटर्स, ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में बताएंगे।
महोत्सव में ड्रोन पायलट प्रमाण पत्र, उत्पाद लॉन्च, पैनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप का प्रदर्शन भी देखने को मिलेगा। महोत्सव में ड्रोन के ज़रिय पायलेटों को सर्टिफिकेट बांटे जाएंगे, प्रोडक्ट्स का उद्घाटन होगा, कई नई ड्रोन टेक्नोलॉजी पर चर्चाएं भी की जाएंगी। इसके साथ ही मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी के प्रोटोटाइप की झलक भी देखने को मिलेगी।
इसको लेकर हाल ही में एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान जारी कर कहा था, “कि आने वाले वर्षों में भारत को लगभग एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी। इसके लिए केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया था कि 12वीं पास होकर ड्रोन पायलट को ट्रेनिंग ली जा सकती है। इसके लिए किसी कॉलेज डिग्री की जरूरत नहीं है। दो-तीन महीने की ट्रेनिंग के साथ व्यक्ति को लगभग 30,000 रुपये प्रति माह सैलरी पर ड्रोन पायलट के रूप में नौकरी मिल सकती है”।
सिंधिया ने इस पर पिछले साल कहा था कि “साल 2026 तक इंडियन ड्रोन इंडस्ट्री का कुल कारोबार” 15,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है। बता दें कि देश में ड्रोन का इम्पोर्ट केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है। इसके लिए सरकार का उद्देश्य देश में स्वदेशी ड्रोन का निमार्ण करना है और इसी वजह से यह फैसला लिया गया है। हालांकि, ड्रोन के इम्पोर्ट के लिए विशेष प्रावधान भी सरकार के द्वारा जारी किए गए हैं। रिसर्च एंड डिवेलपमेंट (R&D), डिफेंस और सिक्योरिटी के उद्देश्यों को देखते हुए ड्रोन को इम्पोर्ट किया जा सकेगा लेकिन इसके लिए जरूरी क्लीयरेंस लेने की आवशयकता पड़ेगी।