डीएसटी इंस्पायर फैकल्टी फेलो ने नेटवर्क सिस्टम की दक्षता सुनिश्चित करने के लिए एल्गोरिदम विकसित किये
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (डीएसटी) इंस्पायर फैकल्टी फेलो, अत्रेयी कुंडू ने नेटवर्क्ड कंट्रोल सिस्टम जिनके साझा संचार नेटवर्क में सीमित संचार क्षमता होती है और आंकड़ों के नुकसान होने की संभावना रहती है, के लिए शेड्यूलिंग और कंट्रोल एल्गोरिदम तैयार किया है।
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, ऑस्ट्रेलिया के प्रोफेसर डैनियल क्यूवेडो के सहयोग में लिखा गया और आईईईई ट्रांजेक्शन ऑन कंट्रोल ऑफ नेटवर्क सिस्टम्स जर्नल में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया पेपर ऐसी प्रणालियों का अध्ययन करता है, जिसमें कई उपकरण सीमित क्षमता के वायरलेस नेटवर्क में दाखिल होते है, जिससे आंकड़ों के नुकसान की आशंका बनती है, साथ ही उस क्रम के लिये एल्गोरिदम देता है जिसमें उपकरणों को नेटवर्क तक पहुंच प्रदान की जा सकती है, और ऐसे कंट्रोल इनपुट देता है जिन्हें इस तरह इस्तेमाल किया जा सकता हो जिससे सभी उपकरण नेटवर्क सिस्टम की दक्षता सुनिश्चित करने के लिये जरूरी विशेषतायेंबनाये रखें।
डॉ. कुंडू स्वास्थ्य, शिक्षा, ड्रोन उड़ान आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग स्तर की समस्याओं को सुलझाने के लिए डिसीज़न और कंट्रोल एल्गोरिदम के नयेसेट विकसित करने पर काम करती हैं, जिससे समाज को तकनीक का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले। वह नेटवर्क कंट्रोल सिस्टम के लिए डिसीज़न और कंट्रोल एल्गोरिदम के डिजाइन पर काम करती है। वह सिस्टम विश्लेषण और एल्गोरिथम संश्लेषण के लिए मुख्य उपकरण के रूप में हाइब्रिड डायनमिक सिस्टम फ्रेमवर्क और विविक्त गणित का इस्तेमाल करती है। संख्यात्मक रूप से ट्रैक्टेबल एल्गोरिदम जो उन्होने प्रस्तावित किये हैं, विशेष रूप से स्मार्ट घरों, स्मार्ट शहरों, एक विशिष्ट कार्य को करने वाले रोबोटों के समूह, स्वयं से नियंत्रित होने वालेवाहनों के समूहऔर इसी तरह के व्यवस्थाओं में उपयोगी हैं।
“आधुनिक समय की इंजीनियरिंग प्रणालियों में, प्रक्रिया और इसके कंट्रोल एल्गोरिदम अक्सर भौगोलिक रूप से अलग जगहों पर होते है। उदाहरण के लिए, एक रिमोट सर्जरी, जहां डॉक्टर और मरीज दो अलग-अलग स्थानों पर हैं, एक पर्सनल कंप्यूटर के जरिये नियंत्रित किया जा रहा ड्रोन, सड़क पर चलने वाली स्वयं द्वारा नियंत्रितकारों के समूह आदि।
प्रक्रिया और कंट्रोल एल्गोरिदम एक दूसरे से साझा वायरलेस संचार नेटवर्क पर संपर्क करते हैं, और हम ऐसे सिस्टम को नेटवर्क्ड कंट्रोल सिस्टम कहते हैं। संचार सीमाओं और अनिश्चितताओं के कारण नेटवर्क्ड कंट्रोल सिस्टम में मौजूद रियल-टाइम फीडबैक कंट्रोल लूप पारंपरिक फीडबैक कंट्रोल प्रणाली से भिन्न होते हैं। डॉ. कुंडू ने कहा,”स्वाभाविक रूप से, डिसीज़न और कंट्रोल एल्गोरिदम के नए सेट आधुनिक इंजीनियरिंग में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है जिसे मैं एक डीएसटी इंस्पायर फैकल्टी फेलो के रूप में डिजाइन करती हूं।”
उनका काम आधुनिक इंजीनियरिंग प्रणालियों की एक विस्तृत श्रेणी के लिए आधार है और स्वास्थ्य देखभाल, आपदा प्रबंधन, प्रशासनआदि अन्य कई क्षेत्रों के माध्यम से समाज के हर वर्ग को लाभान्वित करता है।
डॉ. कुंडू ने संचार की सीमाओं और अनिश्चितताओं वाले नेटवर्क्ड कंट्रोल प्रणालियों के लिए स्थिरीकरण एल्गोरिदम, शेड्यूलिंग एल्गोरिदम और कंट्रोल एल्गोरिदम विकसित कियेहैं। नेटवर्क्ड कंट्रोल और साइबर-फिजिकल सिस्टम के क्षेत्रों में उनका काम आधुनिक इंजीनियरिंग सुविधाओं जैसे टेलीसर्जरी, स्वयं नियंत्रित होने वाले वाहन आदि को आने वाले समय में सभी के लिए और सुलभ बनाने में मदद कर सकता है।