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इन तीन कारणों की वजह से देश में आई कोरोना की दूसरी लहर

भारत में कोरोना की स्तिथि काफी भयावह होती जा रही है। हर दिन कोरोना अपना नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अब इतने बेकाबू हो गए है कि सरकारों से संभल नहीं रही हैं। पिछले 24 घंटे में 1 लाख 61 हजार नए मामले सामने आए हैं। जबकि 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। बीते हफ्ते हर रोज संक्रमण के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। लेकिन सोमवार को आए नए मामलों ने अबतक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 

ऐसे में लोगों के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि नए साल की शुरुआत में कोरोना की स्थिति सामान्य थी तो अचानक से देश में महामारी की रफ्तार कैसे बढ़ गई। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कुछ कारण बताए हैं। जिसे जानना हम सबके लिए जरूरी है।

 

कोरोना के बढ़ते मामलों पर देश के कुछ वैज्ञानिकों ने अपने विचार रखे हैं। जानकारों ने बताया कि कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना और सुस्त टीकाकरण अभियान कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। 

पहला कारण: वैज्ञानिकों ने कहा कि संक्रमण फैलने का सबसे पहला कारण नया म्यूटेंट का उभरना है, जो घरेलू और अंतराराष्ट्रीय हैं। महाराष्ट्र में इस नए म्यूटेंट का असर सबसे ज्यादा है। नए म्यूटेंट की वजह से 15 से 20 फीसदी नए मामले इसी से बढ़े हैं।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने बताया कि मार्च अंत में कोरोना जांच के लिए जो सैंपल महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब से लिए गए उनमें एक नए म्यूटेंट की पहचान हुई है। भारतीय SARS-CoV-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) द्वारा भारत के 10 लैबों में किए गए परीक्षण में जीनोम सीक्वेंसिंग की पहचान की गई, जिसमें दो महत्वपूर्ण बदलाव दिखे।  ब्रेटिन का वेरिएंट सबसे ज्यादा खतरनाक दिखा। इसके अलावा अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी नए वेरिएंट के बहुत से केस सामने आए। 

दुसरा कारण: कोविड-19 प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन नहीं करने से कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। दरअसल, नए साल में कोरोना वायरस की चेन कमजोर पड़ गई थी। लोगों ने कोरोना बिहेवियर नियमों को अपने जीवन में उतरा लिया था। मार्च के आखिरी सप्ताह में इस बीमारी में अचानक उछाल आ गई।  वायरस वैज्ञानिक जमील ने बताया कि भारत में कोरोना की पहली लहर के बाद बहुत से लोगों में कोरोना जोखिम का पूरी तरह से टला नहीं था। लोगों के अंदर से यह बीमारी खत्म नहीं हुई थी। इसी बीच लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। ऐसे में कोरोना मामलों में उछाल होना स्वभाविक है। 

तीसरा कारण: वैज्ञानिकों ने बताया कि सुस्त टीकाकरण अभियान भी कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों के मुताबिक एक तरफ वैक्सीनेशन का काम तेजी से नहीं हो रहा, जबकि दूसरी तरफ देश में सभी चीज़ों से पाबंदियां हटा ली गईं। साथ ही टीकाकरण किए बिना ही धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। कर्मचारियों और अधिकारियों की वैक्सीनेशन किए बिना ही स्कूल कॉलेज खोल दिए गए। जो दूसरी लहर के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। 

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